Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

भला हो झारखंड का: टाटा कंपनी जल टैक्स दे रही एक करोड़, पानी बेच कमा रही 15 करोड़

Default Featured Image

Pravin kumar

Ranchi: चांडिल डैम से पानी लेने वाली कंपनी डैम को अपनी जागीर समझ बैठी है. वहीं राज्य सरकार भी हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है. चांडिल डैम के पानी का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता टाटा कंपनी है. टाटा कंपनी राजस्व के तौर पर जल कर के रूप में झारखंड सरकार को प्रतिमाह एक करोड़ भुगतान करती है. वहीं टाटा कंपनी चांडिल डैम का पानी बेच करोड़ों की कमाई कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार चांडिल डैम के पानी उपयोग करने का करार टाटा की कंपनी टिस्को के साथ जल संसाधन विभाग झारखंड सरकार का है.

टाटा कंपनी को चांडिल डैम के Down Stream ( डैम से बहाव की ओर) से 124.45 एमसीएम प्रतिवर्ष पानी लेने की स्वीकृति दी गई थी. जिसे 30 मई 2013 के प्रभाव से इसकी मात्रा बढ़ाकर 228.86 MCM प्रतिवर्ष कर दिया गया था. टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा राज्य सरकार को 4.5 रुपए प्रति हजार गैलन की दर से जलकर के रूप में भुगतान करना था. राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2011 के प्रभाव से यह दर बढ़ाकर 26.40 रुपए प्रति हजार गैलन कर दिया गया. इस बढ़ोत्‍तरी के विरोध कंपनी ने झारखंड सरकार पर झारखंड हाइकोर्ट में केस दायर कर दी. जिसका केस न.WP (C) 45 44/2011 है.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

इसे भी पढ़े :  चांडिल डैम से फील गुड : टिस्‍को, आधुनिक पावर, कोहिनूर स्‍टील सहित 11 कंपनियों पर करोड़ों का जल कर बकाया

झारखंड हाइकोर्ट ने इस केस में जारी किया अंतरिम आदेश

टाटा कंपनी की ओर से झारखंड हाइकोर्ट में दायर केस की सुनवाई करते हुये 10 अक्टूबर 2011 को कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किया. जिसमें कहा गया कि सरकार बकाया राशि की वसूली के लिए टाटा स्टील लिमिटेड के विरुद्ध न तो कोई कार्रवाई करेगी और ना ही पानी की निकासी को अवरुद्ध करेगी. हाइकोर्ट द्वारा टाटा स्टील लिमिटेड को निर्देश दिया गया कि वह अगले आदेश तक राज्य सरकार को मात्र 1 करोड़ प्रति माह की दर से भुगतान करेगा.

न्यायालय के आदेश पर सरकार को 1 करोड़ प्रति माह देती है टाटा कंपनी, पानी बेच कमाती है 15 करोड़

चांडिल डैम के पानी का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता टाटा कंपनी है. टाटा कंपनी राजस्व के तौर पर जल कर के रूप में राज्य सरकार को प्रतिमाह एक करोड़ भुगतान करती है. वहीं प्राप्त सूचना के अनुसार टाटा कंपनी चांडिल डैम का पानी बेचकर प्रतिमाह 15 करोड़ से अधिक कमाई कर रही है. कंपनी की इस दादागिरी का मुकाबला राज्य सरकार भी नहीं कर पा रही है. अब तक जितना राजस्‍व सरकार को प्राप्‍त हुआ है, इससे कई गुणा अधिक पैसा टाटा कंपनी पानी बेच के कमा रही है.

किन कपंनियों को अवैध रूप से बेचा जा रहा चांडिल डैम का पानी

Tata Motors

Tata Power

Tata Pigment

Tata Ryerson

M/S Tinplate

M/S Tata bluescope

M/S Steet Strip

M/S NML

M/S DVC

M/S I.S.W.P.

M/S Indian cble

JAMIPOL

JEMCO

LINDE

IEL

इसे भी पढ़े : चांडिल डैम से हो रहा किसका भला ! 1398.16 करोड़ का पानी डकार कर बैठी है टाटा समेत कई कंपनियां

आप डेली हंट ऐप के जरिए भी हमारी खबरें पढ़ सकते हैं। इसके लिए डेलीहंट एप पर जाएं और lagatar.in को फॉलो करें। डेलीहंट ऐप पे हमें फॉलो करने के लिए क्लिक करें।