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रांची के बाजारों में आम की महक, व्यापार पर महंगाई

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Shruti Prakash Singh

Ranchi :  फलों के राजा आम ने राजधानी रांची के बाजारों में दस्‍तक दे दी है. आम की महक इस बार बीते साल की तुलना में थोड़ी कम है. मौसम की बेरुखी के कारण इस साल आम की पैदावार थोड़ी कम हुई है. जिस कारण आम की आवक भी फल मंडियों में थोड़ी कम देखी जा रही है. फलों के राजा आम के भाव भी खूब है. बीते कई साल की तूलना में इस बार आम के भाव ज्‍यादा है. ऐसा नहीं है कि रांची में ही आम महंगा है. बंगाल, ओडिश और बिहार में भी यही हाल है.

शौकीनों को इस मौसम का खास इंतजार

आम के शौकीनों को इस मौसम का खास इंतजार रहता है. रेट उनके लिए मायने नहीं रखता है. वर्तमान में आम की कीमत लोगों को अपनी जेब टटोलने पर मजबूर कर रही है. रांची में मई के पहले सप्ताह के आसपास मद्रासी लंगड़ा, गुलाब खस और बैगन फुली बाजार में दिखते हैं. मगर शौकीनों को तो मालदह और लंगड़ा का इंतजार रहता है. जिसमें जरदालु, दुधिया मालदह जैसी किस्में आती है. इन किस्‍मों का मौसम भी शुरू हो गया. इस समय मालदह सौ से 80 रुपये और दशहरी 60 से 70 रुपये किलो बिक रहे हैं. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के हिमसागर की भी काफी मांग है.

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रांची की मंडी में आम की कमी

रांची की मंडी में हर साल के मुताबिक इस साल आम आ रहा है. कारण बताया जा रहा है कि पूरे देश में इस साल आम की पैदावार कम हुई है. राजधानी के हरमू स्थित फल मंडी में राज फ्रूट कंपनी के ऑनर सोहेब अख्तर और मो. हसन ने बताया कि इस बार देश में आम की पैदावार कम हुई है. हर साल उत्तर प्रदेश,  आंध्र प्रदेश, बिहार, ओडिशा से आम यहां आते थे. पर इस बार बहुत काम आम आये हैं.

सोहेब अख्तर ने बताया कि झारखंड में भी आम की खेती होती है. सरकार ने यहां लाखों आम के पेड़ लगवाए हैं. झारखंड में सबसे ज्यादा आम्रपाली आम होता है, जो अभी देश के अन्य भागों में भेजे जाते हैं. उन्होंने बताया कि आम जैसे मालदा, दशहरी पिछले साल 20 से 40 रुपये प्रति किलो बिक जाता था, उसका रेट इस बार 100 से नीचे नहीं जा रहा.

आंध्र प्रदेश से भी कम आ रहे हैं आम

सोहेब अख्तर ने कहा कि आंध्र प्रदेश के आम की भी बहुत डिमांड है, जिसमें गुलाब ख़स, बैगन फुली और तोता परी शामिल है. पिछले साल 10 से 15 ट्रक आते थे, पर इस बार बहुत कम माल आ रहा है. उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश से भी आम काफी आता था, इस बार वहां से भी आम की अवाक कम है. मो. हसन ने बताया कि इस बार ओडिशा में फसल नहीं हुई. इस बार बिहार और बंगाल का मालदह आम ही आएगा. कुछ दिन में बारिश होगी तो आम की कीमत में थोड़ी गिरावट आ सकती है.

इस बार अच्छी नहीं हुई है कमाई

फल की दुकान चलाने वाले मनोज के चेहरे पर भी आम को लेकर कोई खास चमक नहीं दिखी. मनोज  के अनुसार आम तो बिक रहे हैं, पर बहुत कम. उन्होंने कहा कि ग्राहक आते हैं, आम को अपने हाथों में उठाते हैं, रेट पूछते हैं और चले जाते हैं. बीते साल मनोज को आम से अच्छी कमाई हुई थी. पर इस बार उतनी नहीं. उसने कहा कि अपना घाटा कर कैसे आम बेचेंगे. जो लोकल आम है झारखंड के आम्रपाली बस उसे ही लोग खरीद रहे हैं. आम्रपाली अभी 70 रुपये किलो है. बरिश के बाद आम के रेट में गिरावट आ सकती है.

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