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मांडर उपचुनाव में दिलचस्प होगा त्रिकोणीय संघर्ष, देकुमार धान से किसे होगा फायदा और किसको नुकसान?

Ranchi: मांडर उपचुनाव का मुकाबला रोमांचक हो चुका है. अब यहां त्रिकोणीय संघर्ष की पृष्ठभूमि तैयार हो गई है. देवकुमार धान उपचुनाव में लगातार नये-नये समीकरण को जन्म दे रहे हैं. पहले उन्होंने बीजेपी में रहते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा, उसके बाद ओवैसी की पार्टी AIMIM में शामिल हो गये. मांडर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की अच्छी आबादी है. यही वजह है कि यहां ओवैसी की नजर रही है. AIMIM को मांडर में वोट भी अच्छी-खासी मिलती है. यानी मुस्लिम समुदाय का वोट चुनाव में निर्णायक होगा, इसे देखते हुए धान से ओवैसी से हाथ मिला लिया. मांडर में देवकुमार धान का अपना जनाधार है, वहीं 10 से 15 मुस्लिम वोट का भी ध्रुवीकरण होगा.

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2019 में AIMIM नंबर पर थी

2019 के विधानसभा चुनाव में AIMIM मांडर में तीसरे नंबर पर थी. जेवीएम और बीजेपी के बाद AIMIM को सबसे ज्यादा वोट मिले थे. उस वक्त देवकुमार धान बीजेपी के प्रत्याशी थे, जो दूसरे नंबर पर रहे थे, वहीं AIMIM के प्रत्याशी शिशिर लकड़ा ने 10.50 फीसदी वोटों पर कब्जा जमाया था. उन्हें 23592 वोट मिले थे. इससे पहले 2014 के चुनाव में देवकुमार धान ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था. उस वक्त उन्हें 38801 वोट यानी करीब 20.41 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे.

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2019 में बंधु तिर्की ने लड़ा था जेवीएम की टिकट पर चुनाव

2019 के विधानसभा चुनाव में जेवीएम की टिकट पर बंधु तिर्की ने चुनाव लड़ा था और उन्हें 92291 यानी 41.15 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 8840 यानी सिर्फ 3.93 फीसदी वोट मिले थे. इस बार बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में कांग्रेस की टिकट पर शिल्पी नेहा तिर्की के लिए यह सीट निकालना बड़ी चुनौती होगी. वहीं 2014 में 54200 वोट यानी 28.5 फीसदी मत लाकर चुनाव जीतने वाली बीजेपी की गंगोत्री कुजूर को 2014 में देवकुमार धान के चुनाव मैदान में उतरने से फायदा हुआ था. लेकिन इस बार देवकुमार धान के आने से किसे फायदा और किसे नुकसान होगा, यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा.

354877 वोटर्स करेंगे मतदान

मांडर विधानसभा चुनाव में इस बार 354877 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे. इनमें 181409 वोटरों की उम्र 18 से लेकर 39 साल तक है. इस बार विधानसभा उपचुनाव में 51.11 प्रतिशत युवा वोटर प्रत्याशी के भाग्य का फैसला करेंगे. युवाओं के बाद सबसे अधिक वोटरों की संख्या 40-49 साल एज ग्रुप के लोगों की है. इस एज ग्रुप के 64768 वोटर हैं, यानि कुल वोटरों का 18.25 प्रतिशत इनकी संख्या है. तीसरे नंबर पर 50 से 59 साल एज ग्रुप के वोटर हैं. इस ग्रुप के वोटरों की संख्या 50061 है, जो कुल वोटरों का 14.10 प्रतिशत है.
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