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कश्मीर में तैनात मुस्लिम जवान की मां को थी खून की जरूरत, हिंदू युवक ने किया रक्तदान…जानिए क्या है पूरी कहानी

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कानपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में नुपुर शर्मा कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ माहौल गरमाया हुआ है। 3 जून को जिस कानपुर शहर में हिंसा (Kanpur Violence) की घटना घटी, वहां से अब सांप्रदायिक सौहार्द्र की एक शानदार तस्वीर निकल कर सामने आ रही है। शहर के एक अस्पताल में डायलिसिस से गुजर रही एक महिला को खून की जरूरत थी, 35 वर्षीय अभिमन्यु गुप्ता ने उन्हें रक्तदान कर सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम की है। बीमार महिला के परिचारक की ओर से आपातकालीन सूचना दी गई थी कि मरीज को खून की तुरंत जरूरत है। इस मामले में अभिमन्यु ने स्वेच्छा से जाकर रक्तदान किया।

शाहाना कन्नौज की रहने वाली हैं और सेना के जवान अदनान खान की मां हैं। अदनान इस समय श्रीनगर में तैनात हैं। शहर के कैंट इलाके में रहने वाले एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अभिमन्यु को शाहाना के परिवार के सदस्यों का फोन आया, जिसमें उसने अपनी जान बचाने में मदद करने का अनुरोध किया गया। शहाना डायलिसिस से गुजर रही थी। उन्हें दो यूनिट ब्लड की सख्त जरूरत थी। अभिमन्यु ने बिना कुछ सोचे-समझे शाहाना की जान बचाने का फैसला कर लिया। वे तुरंत उर्सला अस्पताल पहुंचे और रक्तदान करने के लिए ब्लड यूनिट में गए। शाहाना का शनिवार को सेवन एयरफोर्स अस्पताल में डायलिसिस होना था।

सामाजिक रूप से सक्रिय हैं अभिमन्यु
अभिमन्यु कानपुर में सामाजिक रूप से काफी सक्रिय हैं। वे सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं और वहां भी उनकी काफी लोकप्रियता है। रक्तदान के संबंध में अभिमन्यु ने कहा कि सेना की पृष्ठभूमि वाली एक माता को खून की जरूरत का फोन आया। उन्होंने कहा कि महिला के परिवार के सदस्यों ने हमें फान किया। मुझसे खून की व्यवस्था का अनुरोध किया। बिना किसी झिझक के मैंने खुद रक्तदान करने का फैसला किया। अभिमन्यु कहते हैं कि मैं संतुष्ट हूं कि मैंने उस मां की मदद की है, जिसका बेटा हम भारतीयों के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार है। सीमा पर उनका बेटा जो कर रहा है, उसके सामने मेरा यह छोटा सा प्रयास कुछ भी नहीं है।

‘हमारे खून का रंग एक’
अभिमन्यु ने कहा कि हमारा धर्म अलग हो सकता है, लेकिन हमारे खून का रंग एक ही है। हम पहले भारतीय हैं और फिर हिंदू-मुसलमान हैं। वहीं, अदनान ने कहा कि मेरे पास अभिमन्यु के लिए शब्द नहीं हैं। मेरे परिवार के सदस्यों के अनुसार, किसी ने सुझाव दिया कि हमें वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अभिमन्यु गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश करनी चाहिए। किडनी की बीमारी से पीड़ित शाहाना को नियमित रूप से रक्त चढ़ाने की जरूरत है। उसके परिवार के सदस्यों ने कहा कि केवल नियमित रूप ब्लड ट्रांसफ्यूजन ही उसे जीवित रखेगा।

शहाना के परिजनों ने कहा ‘शुक्रिया’
शाहाना के परिवार वालों ने अभिमन्यु का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ कुछ अराजकतावादी देश को सांप्रदायिकता और नफरत की राजनीति में जलाने की साजिश कर रहे हैं, दूसरी तरफ आज अभिमन्यु ने राष्ट्रीय एकता की मिसाल कायम की है। देश के हिंदुओं और मुसलमानों को कोई अलग नहीं कर सकता। अभिमन्यु ने हमारे लिए जो किया, उसके लिए हम आभारी हैं। अब अभिमन्यु के इस कार्य की चर्चा इस माहौल में काफी हो रही है।