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रक्तदान दिवस : कोविड के बाद बढ़ी रक्तदाताओं की संख्या, खुद के साथ लोगों से भी युवा करा रहे रक्तदान

Ranchi : कोरोना के बाद राज्य में रक्तदान को लेकर जागरुकता आयी है. रिम्स ब्लड बैंक की काउंसलर डॉ कविता देवघरिया ने बताया कि कोरोना के बाद रक्तदान और प्लाज्मा डोनेशन के लिए लोग खुद आगे आ रहे हैं. कोरोना के बाद अब राज्य भर में औसतन 22 से 25 हजार लोग रक्तदान कर रहे हैं. रिम्स में ही करीब तीन हजार यूनिट रक्त संग्रह किया जा रहा है. डॉ कविता देवघरिया ने बताया कि प्रतिदिन रिम्स में 170 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है और रिम्स में 110 यूनिट लगभग कलेक्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शेष ब्लड कैंप के माध्यम से भरपाई की जाती है. उन्होंने बताया कि अगर प्रतिदिन एक दो कैंप भी मिल जाएंगे तो रिम्स में आसानी से लोगों को रक्त उपलब्ध कराया जा सकेगा. वहीं रिम्स और सदर में कोरोना से पहले के मुकाबले अधिक कैंप कराये जा रहे हैं. वहीं कई डोनर ऐसे हैं, जो लगातार खुद तो रक्तदान करते ही हैं साथ ही कैंप लगवाकर दूसरे लोगों से भी रक्तदान कराते हैं. सिर्फ रांची में ही कई ऐसे युवा हैं, जो हर तीन महीने के बाद अपना रक्तदान करते हैं.

अनिल शर्मा : 31 साल की आयु में 32 बार कर चुके हैं रक्तदान

रांची के करमटोली के रहने वाले अनिल शर्मा 31 साल के हैं और अब तक 32 बार रक्तदान कर चुके हैं. अनिल शर्मा ने बताया कि वे पिछले 15 सालों से लगातार रक्तदान करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे कोरोना के बाद लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने का भी काम कर रहे हैं. इसके अलावा कोरोना के दौरान इन्होंने प्लाज्मा डोनेशन को लेकर भी लगातार मुहिम चलाया था.

डॉ चंद्रभूषण : खुद 30 बार कर चुके हैं रक्तदान, कई बड़े कैंपों का भी कराया है आयोजन

दुमका मेडिकल कॉलेज में एसआर कर रहे डॉ चंद्रभूषण खुद 30 बार रक्तदान कर चुके हैं. रक्तदान को लेकर बहुत ही सक्रिय रहते हैं. रिम्स के पढ़ाई के दौरान इन्होंने आसपास के कई स्कूलों और कॉलेजों में जाकर रक्तदान के लिए प्रेरित भी किया है. डॉ चंद्रभूषण ने कोरोना के दूसरे लहर में प्लाज्मा डोनेशन के लिए मुहिम भी चलाया था. इसके अलावा रिम्स में कोरोना के समय में करीब 200 यूनिट के एक कैंप का अयोजन किया था.

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पिछले 22 सालों से रक्तदान कर रहे हैं अतुल गेरा

रांची में रक्तदान की बात हो तो अतुल गेरा एक जाना पहचाना नाम हैं. अतुल गेरा ने बताया कि वो जब 19 साल के थे तब से रक्तदान कर रहे हैं. इसके अलावा एसडीपी, प्लाज्मा सभी को मिलाकर अबतक कुल 92 बार डोनेशन किया है. अतुल गेरा इसके अलावा शहर में विभिन्न बड़े छोटे कैंपों का लगातार आयोजन करते रहते रहते हैं. इन्होंने थैलेसिमिया और सिकल सेल एनिमिया से पीड़ित बच्चों को रक्त की कमी नहीं हो इसको लेकर भी काफी प्रयास करते हैं.

मोहित शर्मा : मोहित शर्मा पिछले 19 सालों से रक्तदान करते आ रहे हैं. इन्होंने बताया कि जब वो सिर्फ 18 साल के थे तब से रक्तदान कर रह हैं. मोहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर भी लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. बता दें कि मोहित लाइव सेवर्स के साथ मिलकर शहर में लगातार ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन भी कराते हैं. साथ ही स्कूल कॉलेजों में जाकर रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करते हैं.

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