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LMC Board Meeting: लखनऊ में ऑटो-टेंपो के 83 स्टैंड तय, बोर्ड में प्रस्ताव को मंजूरी…निगम खुद करेगा संचालन

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लखनऊ: लखनऊ नगर निगम ने शहर में ऑटो-टैंपो स्टैंड के लिए 83 जगह निर्धारित कर दी हैं। नगर निगम के सदन में सोमवार को इस संबंध में रखे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। इन स्टैंड से करीब 6200 ऑटो-टेंपो का संचालन होगा। नगर निगम अफसरों के मुताबिक जिला प्रशासन, पुलिस और आरटीओ के साथ बैठक के बाद स्टैंड शुल्क की दरें तय की जाएंगी। शहर में अवैध ऑटो स्टैंड का मुद्दा काफी गरमाया हुआ था। इस कारण यातायात में होने वाली दिक्कत और अवैध स्टैंड में वसूली जैसे मामले सामने आ रहे थे। इन मामलों पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख दिखाया और उन्हें तत्काल बंद कराने का आदेश दिया। अब नगर निगम बोर्ड ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी देकर अपनी स्थिति साफ कर दी है।

शहर में अवैध रूप से ऑटो-टेंपो संचालन और मनमानी वसूली को एनबीटी ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम ने अभियान चलाकर अवैध स्टैंड हटवाए थे। अवैध स्टैंड चलाने के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही मिलीभगत के आरोप में कुछ पुलिसकर्मी लाइन हाजिर तक किए गए थे। इसके बाद नगर निगम द्वारा स्टैंड निर्धारित करने की कवायद शुरू हुई थी। आखिरकार नगर निगम ने स्टैंड बनाकर खुद ही संचालन का फैसला लिया है। इससे अपराधी तत्वों को स्टैंड से बाहर करने में सफलता मिलेगी।

बुलडोजर को लेकर हंगामा
सदन में पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि पटरी दुकानदारों पर बुलडोजर चलाकर उनके पेट पर लात मारी जा रही है। इस पर कांग्रेस पार्षद अमित चौधरी ने कहा कि बाबा का बुलडोजर है, चलेगा ही। इसे लेकर बीजेपी पार्षदों की कांग्रेस और सपा के पार्षदों से नोकझोंक होने लगी। बीजेपी की पार्षद ने कहा कि पत्थरबाजों पर भी बुलडोजर चलेगा। इस बीच दिलीप श्रीवास्तव ने आरोप लगाते हुए कहा कि परिसीमन का कार्य चपरासी कर रहे हैं। इब्राहिमपुर प्रथम वॉर्ड के पार्षद सुधीर कुमार राजपाल ने आरोप लगाया कि चपरासी असेसमेंट के नाम पर वसूली में जुटे हैं। मेयर ने दोनों मामलों में जांच की बात कही। इसके साथ ही वेंडिंग जोन चिह्नित करते समय वॉर्ड के पार्षदों का सहयोग लेने की भी मांग उठाई।

लेखा में दागी कर्मचारी की तैनाती पर सवाल
केसरीखेड़ा वॉर्ड के पार्षद देवेंद्र सिंह जीतू ने सदन में कहा कि लेखा विभाग में कर्मचारी विनोद कुमार चेक बना रहा है। जबकि भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद दोबारा लेखा विभाग में तैनाती नहीं होने के आदेश जारी हुए थे। इसके बावजूद लेखा विभाग में तैनाती दे दी गई और बीते 6 माह में एक करोड़ रुपये का भुगतान करवा चुका है। इसे लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। पार्षद राजू दीक्षित, सुशील कुमार तिवारी, नागेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि ठेकेदार एक-एक लाख रुपये के भुगतान के लिए तरस रहे हैं। वहीं, अफसरों की मिलीभगत से चहेतों को करोड़ों का भुगतान हो रहा है। सदन में ठेकेदारों के बकाए का भुगतान करने की मांग भी उठाई।

गठित होगी भ्रष्टाचार निवारण सेल
मेयर संयुक्ता भाटिया ने भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए भ्रष्टाचार निवारण सेल गठित करने का ऐलान किया। मेयर के मुताबिक, सेल का संयोजक सेवानिवृत जज अथवा इंटरनल लोकायुक्त को बनाया जाएगा। जांच में दोषी पाए जाने पर केस दर्ज करवाया जाएगा। इसके साथ ही ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पार्षदों के एक आवासीय भवन को गृहकर, सीवरकर और जलकल से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया।