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Allahabad highcourt: नोएडा प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण नोटिस को दी गई चुनौती

नोएडा प्राधिकरण द्वारा 8 जून को जारी सार्वजनिक नोटिस को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि यमुना, हिंडन के बाढ़ मैदानों में किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है और उसमें सभी निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे।

नोएडा प्राधिकरण की ओर से कई दिनों से अवैध निर्माण केखिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। अब यमुना, हिंडन के बाढ़ मैदानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है, जिसमें एक फॉर्म हाउस को ध्वस्त किया जा सकता है। इसी के खिलाफ हरित किसान कल्याण समिति द्वारा अधिवक्ता ऐश्वर्य सिन्हा के माध्यम से याचिका दायर की गई है।

बताया गया है कि याचिकाकर्ता सोसायटी के सदस्य यमुना के बाढ़ मैदानों में स्थित घरों के रहने वाले हैं और उन्होंने इस आशंका के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया है कि नोएडा प्राधिकरण प्रत्येक सदस्य को बिना किसी नोटिस के उनके घरों को अवैध रूप से ध्वस्त कर सकता है। याचिका में कहा गया है कि याचियों केपास बिजली कनेक्शन सहित सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। याचियों ने नोटिस को अवैध बताया है।

नोएडा प्राधिकरण द्वारा 8 जून को जारी सार्वजनिक नोटिस को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि यमुना, हिंडन के बाढ़ मैदानों में किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है और उसमें सभी निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे।

नोएडा प्राधिकरण की ओर से कई दिनों से अवैध निर्माण केखिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। अब यमुना, हिंडन के बाढ़ मैदानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है, जिसमें एक फॉर्म हाउस को ध्वस्त किया जा सकता है। इसी के खिलाफ हरित किसान कल्याण समिति द्वारा अधिवक्ता ऐश्वर्य सिन्हा के माध्यम से याचिका दायर की गई है।

बताया गया है कि याचिकाकर्ता सोसायटी के सदस्य यमुना के बाढ़ मैदानों में स्थित घरों के रहने वाले हैं और उन्होंने इस आशंका के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया है कि नोएडा प्राधिकरण प्रत्येक सदस्य को बिना किसी नोटिस के उनके घरों को अवैध रूप से ध्वस्त कर सकता है। याचिका में कहा गया है कि याचियों केपास बिजली कनेक्शन सहित सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। याचियों ने नोटिस को अवैध बताया है।