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झारखंड : फोर्टिफाइड चावल को ग्रामीण बता रहे प्लास्टिक चावल, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक : बलराम

पूरे झारखंड की पीडीएस दुकानों, मध्याहन भोजन और आंगनबाड़ी में हो रहा फोर्टिफाइड चावल का वितरण

Ranchi :  झारखंड में खाद्य सुरक्षा योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल का अलोकतांत्रिक तरीके से वितरण मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय है. सरकार पूंजीपतियों के दबाव में आकर पूरे झारखंड की पीडीएस दुकानों, मध्याहन भोजन और आंगनबाड़ी में फोर्टिफाइड चावल का वितरण कर लोगों की खाद्य विविधता में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है. उक्त बातें सर्वोच्च न्यायालय के आयुक्त के पूर्व राज्य सलाहकार सदस्य बलराम ने भोजन का अधिकार अभियान और झारखंड सीएसओ फोरम द्वारा आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे.

फैक्ट फाइंडिंग प्रतिवेदन पेश किया गया

मौके पर विगत 8 से 11 मई तक झारखंड में फोर्टिफाइड चावल को लेकर लाभुकों की प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता पर फैक्ट फाइंडिंग प्रतिवेदन पेश किया गया. कहा गया कि गांव में इस चावल को लोग प्लास्टिक चावल के तौर पर चर्चा करने लगे हैं. सरकार की कितनी अनैतिक कदम है कि लोगों को ऐसे चावल के बारे में कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई और यह उनके खाने की थाली तक गुपचुप तरीके से पहुंचाई जा रही है. जिन परिवारों ने पीडीएस चावल का अनजाने में सेवन किया, उनको स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें यथा उबकाई आना, अपच होना, पेट में जलन, दस्त जैसी शिकायतें हुईं.

फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अस्पताल जाकर देखा हाल

फैक्ट फाइंडिंग टीम ने जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया के बोडामचट्टी गांव के क्रमश: 12 और 7 साल के दो भाइयों से मुलाकात की. उनको खून चढ़ाया जा रहा था. उनके माता-पिता ने बताया कि हाल के दिनों में बच्चों को साप्ताहिक रक्त चढ़ाना पड़ रहा है. जबकि यह आवृति पहले कम थी. परिवार इतना गरीब है कि उनके समक्ष पीडीएस चावल के अलावा दूसरा अनाज खाने का विकल्प नहीं है.

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दिशा-निर्देशों का सरकार खुद ही उल्लंघन कर रही

FSSAI के नियमों और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का सरकार खुद ही उल्लंघन कर रही है. भारत सरकार के दिशा-निर्देश में फोर्टिफाईड चावल पर लेबल लगाना कानूनी बाध्यता है. थैलीसीमिया से पीड़ित लोग और सिकलसेल एनीमिया वाले व्यक्तियों को चेतावनी देते हुए आयरन फोर्टिफाईड भोजन के प्रत्येक पैकेज पर विवरण देना अनिवार्य है.

फोर्टिफाईड चावल का वितरण बंद करे सरकार

कार्यशाला में प्रतिभागियों ने एक स्वर में मांग रखी कि सरकार हर हाल में अनैतिक तौर पर वितरण किये जा रहे फोर्टिफाईड चावल का वितरण बंद करे. खाद्य सुरक्षा कानून में वर्णित मोटे अनाजों के साथ ही खाद्य तेल और दाल शामिल किये जाएं. मध्याह्न भोजन एवं आंगनबाड़ी में साप्ताहिक 6 दिन अंडे दिए जाएं. कुपोषण को प्राकृतिक तरीकों से ही दूर किया जा सकता है, कृत्रिम तरीके से नहीं.

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