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Kanpur News: कानपुर में 38 साल बाद सिख दंगे के 4 आरोपियों की गिरफ्तारी…जानिए क्या है पूरा मामला

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कानपुर: कानपुर में सिख दंगे के 38 साल बाद आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगे में 4 आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इन दंगों में 127 लोग मारे गए थे। एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि आरोपितों को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान हर आरोपित के मैजिस्ट्रेट के सामने बयान कराए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फरवरी-2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई थी।

कानपुर में 38 साल पहले हुए सिख विरोधी दंगों में ज्यादातर मामलों में कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। कुछ सिख संगठनों की सक्रियता के चलते मामला सुप्रीम कोर्ट गया, जहां से जांच के लिए एसआईटी बनाने का आदेश हुआ था। शुरुआत में एसआईटी को 6 महीने का कार्यकाल दिया गया था, जो बाद में बढ़ाया जाता रहा। एसआईटी को थाने का दर्जा दिया गया था।

20 मुकदमे, 74 जिंदा आरोपित
एसआईटी अधिकारियों ने बताया था कि थानों, कोर्ट और दिल्ली में गृह मंत्रालय के अलावा कुछ पीड़ितों से भी दस्तावेज मिले। कोर्ट से आदेश लेकर दोबारा जांच शुरू हुई। दिल्ली, पंजाब, जबलपुर और कई अन्य शहरों में जाकर पूछताछ हुई थी। पुलिस ने 74 जिंदा आरोपितों की पहचान की थी। हर गवाह के भी मैजिस्ट्रेट के सामने बयान रेकॉर्ड हुए थे।

ट्रक में बैठ मारने आए थे आरोपी
डीआईजी बालेंदु के मुताबिक, पकड़े गए आरोपित सफीउल्लाह (65), योगेंद्र सिंह (65), विजय नारायण सिंह (62) और अब्दुल रहमान (65) अपने अन्य साथियों के साथ घाटमपुर में ट्रक में बैठकर आए थे। 1 नवंबर 1984 की दोपहर 3 बजे आरोपितों के साथ भीड़ ने निराला नगर में एक मकान में आग लगा दी थी। इसमें निराला नगर में तीन लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी, जबकि एक को छत से नीचे फेंककर मार डाला गया था।

वीरेंद्र सिंह ने किदवई नगर थाने में सिर्फ 2 लोगों की मौत की रिपोर्ट लिखवाई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय सेना और पुलिस आ चुकी थी। इन गिरफ्तारियों पर कानपुर के गुरुद्वारा भाई बन्ना साहब के पूर्व प्रधान सरदार मोकम सिंह ने कहा कि संघर्ष रंग लाया है। हम गिरफ्तारियों का स्वागत करते हैं। ये संविधान की जीत है। हम चाहते हैं कि अब मुआवजा नहीं बल्कि सभी दोषियों को सजा मिले।

सिरसा बोले, 38 साल बाद न्याय
1984 के कानपुर सिख नरसंहार मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी पर बीजेपी नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि 38 साल बाद न्याय मिला है। सिरसा ने एक बयान में कहा कि ये गिरफ्तारियां कानपुर के निराला नगर में सिखों की हत्या के सिलसिले में की गई हैं।

सरदार सिरसा ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कानपुर सिख नरसंहार के अन्य दोषियों को सजा दी जाए। उन्होंने कार्रवाई के लिए गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया।