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पहली बार झारखंड का कोई सीएम खुद करेगा 31 जेलों का औचक निरीक्षण, हेमंत ने कहा- जेलों में कैदियों की लेंगे जानकारी

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एससी-एसटी कैदियों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश

 Ranchi : झारखंड में ऐसा पहली बार होनेवाला है, जब कोई मुख्यमंत्री राज्य के 31 जेलों का औचक निरीक्षण करेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सभी 31 जेलों का औचक निरीक्षण वे स्वयं करेंगे. इस दौरान सीएम हेमंत खुद जेलों में पहुंचकर पूरे हालात की जानकारी लेंगे. जेलों में कैदियों और उनके लिए जो व्यवस्था होगी, उसका वे निरीक्षण करेंगे. मुख्यमंत्री शुक्रवार को गृह कारा विभाग की अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस दौरान सीएम ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के कैदियों से जुड़े मामलों की पूरी तहकीकात की. मुख्यमंत्री ने राज्य की जेलों में बंद सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों से जुड़ी विस्तृत जानकारी ली. साथ ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि विचाराधीन कैदियों (3 वर्ष से कम सजा) के मामलों का अदालतों से जल्द निपटारे की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं.

3 साल से कम सजा वाले कैदियों की सुनवाई अदालतों में जल्द से जल्द करें पूरा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी बंद हैं. इनमें 3 साल से कम सजा वाले मामलों के कैदियों की संख्या सबसे ज्यादा है. इन कैदियों के मामलों की सुनवाई अदालतों में जल्द से जल्द कैसे पूरी हो, इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए. मुख्यमंत्री ने विचाराधीन कैदियों के मामले (विशेषकर 3 वर्ष से कम सजा) में कैदियों को अधिवक्ता के माध्यम से निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में उचित कदम उठाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. इसके साथ ही विधि सम्मत कार्रवाई की दिशा में कारा विभाग ठोस पहल करने की बात की.

विचाराधीन कैदियों के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश

सीएम को अधिकारियों द्वारा बताया गया कि झालसा और डालसा के माध्यम से विचाराधीन कैदियों के मामलों को अदालतों के माध्यम से निष्पादित करने की लगातार पहल की जा रही है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि विचाराधीन कैदियों के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं, जिस पर बैठक में विस्तार से विचार- विमर्श कर उचित निर्णय लिए जा सकें.

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विशेष तौर पर तहकीकात करने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जेलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ अल्पसंख्यक कैदियों की संख्या ज्यादा है. इनमें ज्यादातर मामले अंडर ट्रायल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कैदियों से जुड़े मामलों की विशेष तौर पर तहकीकात की जानी चाहिए और अदालतों से इनके मामलों के निष्पादन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए.

निम्न बातों पर चर्चा हुई
राज्य में कुल जेलों की संख्या 31 है. इनमें सात सेंट्रल जेल, 16 जिला जेल और सात उपकारा है.
राज्य के सभी जेलों की कुल क्षमता 17, 421 है. जबकि, इन जेलों में 19, 619 कैदी बंद है.
राज्य की जेलों में 14,445 विचाराधीन कैदी हैं, जबकि सजायाफ्ता कैदियों की संख्या 5200 से ज्यादा है.
बैठक में गृह विभाग सहित राज्य के आला पुलिस अधिकारी रहें उपस्थित

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का,  पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, विधि विभाग के प्रधान सचिव नलिन कुमार,  मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कारा महानिरीक्षक मनोज कुमार, विशेष शाखा के पुलिस महानिरीक्षक प्रभात कुमार, सहायक कारा महानिरीक्षक तुषार रंजन गुप्ता और बंदी कल्याण पदाधिकारी कमलजीत सिंह मौजूद थे.

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