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अग्निपथ विरोध: उपद्रव की आशंका को लेकर रांची रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

Ranchi: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध देशभर में हो रहा है. इस विरोध प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर रेलवे पर हुआ है. बिहार समेत कई जिलों में रेल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए रांची रेल मंडल ने भी दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया है. उपद्रव की आशंका को देखते हुए रांची रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. गौरतलब है कि रांची रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले सभी रेलवे स्टेशनों पर आरपीएफ की विशेष सतर्कता है.

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कई ट्रेन को किया गया है रद्द

जानकारी के मुताबिक, 18 जून को भी दो दर्जन से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गई थी. वहीं 19 जून को भी 18 से अधिक ट्रेनें रद्द की गई है. लगातार रेलवे मुख्यालय की ओर से ट्रेन रद्द किए जाने को लेकर अपडेट भेजी जा रही है. इसके अलावा उपद्रवियों से निपटने के लिए आरपीएफ की टीम जिला प्रशासन की भी मदद ले रही है.

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सरकार के इस फैसले का भारी विरोध जताया

सेना भर्ती की तैयारी में लगे युवाओं ने सरकार के इस फैसले का भारी विरोध जताया है. युवाओं ने कहा कि सरकार के इस फैसले से उनकी उम्मीदें खत्म हो गई है, क्योंकि युवा उत्साह के साथ सेना भर्ती की तैयारी में जुटे थे, ताकि सेना में भर्ती होकर वे लोग देश सेवा कर सके. उनको स्थाई नौकरी भी मिल सके.

क्या है अग्निपथ योजना

भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे. ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी. इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी. 30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे. पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा. चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी. सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा.
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