Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Editorial :- भारत नहीं कांग्रेस डूृबता हुआ टाइटैनिक जहाज है

Default Featured Image

6 March 2020

१४ दिसंबर को रामलीला मैदान में कांगे्रस ने भारत बचाओ रैली सीएए विरोध को लेकर आयोजित की थी। यह रैली वास्तव में कांग्रेस बचाओ रैली थी।

आज ५ मार्च २०२० को राहुल गांधी ने भारत में दहशत पैदा करने के लिये कोरोना पर सरकार के बयान को बताया टाइटैनिक के कैप्टन जैसा है।

इसी प्रकार से दशहत पैदा करने के लिये ही राहुल गांधी ने दंगा ग्रसित इलाकों में दौरा करने का ढोंग रचकर सिर्फ मस्जिद जाकर और मंदिर न जाकर यह विश्व में संदेश देना चाहा है कि दंगा दिल्ली में जो हुआ वह अल्पसंख्यकों के विरूद्ध हुआ है।

कांग्रेस की इसी प्रकार की टिप्पणियों को आधार बनाकर आज भी इमरान खान के सलाहकार ने सीएए के विरोध में जहर उगलते हुए कहा है कि इससे भारत के मुसलमानों का मताधिकार छिन जायेगा।

इरान के सुप्रीम धार्मिक लीडर खमेनेई ने भी खमनेई ने ट्वीट किया, ‘भारत में मुस्लिमों के नरसंहार पर दुनियाभर के मुस्लिमों का दिल दुखी है। भारत सरकार को कट्टर हिंदुओं और उनकी पार्टियों को रोकना चाहिए और इस्लामिक देशों की ओर से अलग-थलग होने से बचने के लिए भारत को मुस्लिमों के नरसंहार को रोकना चाहिए।Ó

१३ दिसंबर को कांग्रेस के विदेश विभाग के प्रमुख सेम पित्रोदा ने भारत बचाओं रैली राम लीला मैदान में  जो कांग्रेस ने आयोजित की थी उसे हाईलाईट करने के लिये या यूं कहिये कि भारत की छवि विश्व में खराब करने के लिये एक षडयंत्रकारी योजना बनाई जिसके तहत विश्व के सभी प्रमुख देशों में भारतीय दूतावास के सामने सीएए के विरोध को लेकर प्रदर्शन किये गये।

इसके बाद १५ दिसंबर को शाहीनबाग की स्थापना कांगे्रस ने की और उसके बाद ४ मार्च को  राहुल गांधी ने दिल्ली हिंसाग्रस्त इलाकों में जाकर सिर्फ मस्जिद में जाकर मंदिर में न जाकर क्या संदेश देना चाहा था?

पिछले लोकसभा चुनाव के समय महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की तुलना एक टाइटैनिक जहाज से की थी। यही वास्तविकता है।

राहुल गांधी को चाहिये कि वह भारत बचाओ का नारा न देकर कांग्रेस बचाओ अभियान छेड़ें और कांग्रेस के डूबते जहाज को बचाने का कुछ प्रयास करें।

आज ही का समाचार है कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस की सरकार अब कुछ दिनों की मेहमान है। 

आज कांग्रेस के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है और यह क्रम जारी रहने की संभावना है।

राजस्थान की स्थिति भी ऐसी ही है।

अतएव राहुल गांधी कांग्रेस की चिंता करें और देश की छवि को विदेश में खराब करने का दुस्साहस न करे।