शनिवार १९ मई को डी शिवकुमार मैन ऑफ द मैच बने। फ्लोरटेस्ट के पूर्व जब वे जेडीएस व कांग्रेस के तथा दो निदर्लीय विधायकों को अपने बैंगलुरू रिसार्ट में बंधक बनाये हुए थे उस समय पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि आपको डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाये तो क्या करेंगे? उस समय उन्होंने कहा था कि वह बाद की स्थिति है अभी तो गठबंधन को बहुमत लाना है।
हमने शनिवार १९ मई के संपादकीय में यह एक्सपोज किया था कि डी शिवकुमार अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के समय भी गुजरात के कांग्रेस के विधायकों को रिसार्ट में ठहराये थे और अभी भी वैसा ही कर रहे हैं, गठबंधन के लिये तारणहार बन रहे हैं, उसका एकमात्र कारण यह है कि वे डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं और यदि नहीं बनाया गया तो वे भाजपा के साथ भी आ सकते हैं।
हमारे २० मई के संपादकीय का शीर्षक था : Óअटल जी के स्तीफे के बाद कुछ महीने के लिये पीएम थे देवगौड़ा, अब उनके पुत्र कुमारस्वामी कुछ दिन, कुछ महीने के सीएम’
उसी स्थिति की संभावना अब नजर आ रही है। कांग्रेस और जेडीएस एक नागनाथ है तो दूसरा सापनाथ। डिप्टी सीएम पद छछूंदर का रूप ले चुका है। यदि डी शिवकुमार को उनकी महत्वकांक्षा के अनुरूप डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया तो वे पुन: ऑपरेशन लोटस दोहराने में भाजपा के सहायकत हो सकते हैं।
हम अपने पूर्व के संपादकीय में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि कांग्रेस जब राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत होकर यह कहना चाहा था कि उनका समर्थन जेडीएस को है उस समय से लेकर आज यह संपादकीय लिखे जाने के समय तक अपने कांग्रेस विधायक दल का नेता नहीं चुन सकी है। क्योंकि नेता चुनने में मतभेद बाधक बने हुए हैं।
कांगे्रस के नेता खडग़े दलित वर्ग से आते हैं। उनमें और सिद्धारमैय्या में ३६ का आंकड़ा रहा है। अपने हाथ से बाजी जाते हुये देखकर सिद्धारमैय्या ने यह घोषणा की थी कि वे किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाये जाने के लिये सहमत हैं। अब मुख्यमंत्री तो बनाया नहीं जा सकता इसलिये आज उन्होंने घोषणा की है कि जी परमेश्वर को उप-मुख्यमंत्री बनाया जायेगा।
आज यह भी समाचार आया है कि कुमार स्वामी चाहते हैं कि कोई मुस्लिम डिप्टी सीएम बने। डी शिवकुमार के नाम की चर्चा आज नही हुई है। परंतु हम पुन: आज डी शिवकुमार के नाम इसलिये ले रहे हैं कि वे कांग्रेस और जेडीएस जैसे जहरीले सांपो के लिये छछूंदर बनकर प्रस्तुत हुए हैं। दोनों पार्टियां न तो उसे निगल सक रही हैं और न ही छोड़ सक रही है।
डिप्टी सीएम के मुद्दे पर कांग्रेेस में मतभेद बढ़ऩे की और संभावना है इसीलिये अभी भी सभी विधायकों को बैंगलुरू रिसार्ट में रखा गया है और शक्ति परिक्षण के समय ही उन्हें सीधे विधानसभा में ले जाया जायेगा।
डी के शिवकुमार के नाम का उपमुख्यमंत्री पद के लिये कुमारस्वामी ने भी समर्थन किया है ऐसा सूत्र बताते हैं। लेकिन कुमारस्वामी के पिता देवगौड़ा इसमें बाधक बने हुए हैं। यहॉ उल्लेखनीय है कि देवगौड़ा के विरूद्ध पहले डी शिवकुमार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
जाहिर है कि कांग्रेस और जेडीएस एक दूसरे की प्रतिद्वंदी पार्टियां हैं । दोनों में अनहोली अलायंस हुआ है। हो सकता है इस अनहोली एलायंस का गर्भपात हो जाए या जन्म लेने के कुछ दिन या कुछ सप्ताह बाद अंत हो जाये।
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