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Aligarh News: हाय रे सिस्टम! 22 साल तक लगा रहा बलात्कार आरोपी का बदनुमा दाग, अब मिली मुक्ति

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) में एक व्यक्ति पर 22 साल पहले रेप का आरोप लगाया गया था। इसके बाद समाज में उसे बलात्कारी कहा जाने लगा। घर के आसपास के लोगों ने भी हिकारत भरी नजरों से देखना शुरू कर दिया। कई लोग परिवार से अपने संबंध तोड़ लिए। युवक खुद के रेप के मामले में दुहाई देता रहा, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। आखिरकार, किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) ने उसे बरी कर दिया। इसके बाद यह शख्स काफी खुश है और कह रहा है कि अब लोग उसे बलात्कारी नहीं कहेंगे। समाज में खोई हुई इज्जत को हासिल करने में यह फैसला मदद करेगा।

अलीगढ़ में वर्ष 2000 में एक रेप का मामला सामने आया था। इसमें पीड़ित पक्ष ने एक 16 साल के युवक पर रेपिस्ट होने का आरोप लगाया। इस आरोप के बाद समाज में युवक और परिवार की भारी बदनामी हुई। उसे कानूनी प्रक्रिया का भी सामना करना पड़ा। मामला किशोर न्याय बोर्ड में चला। अब वह युवक 36 साल का है और खुद के ऊपर से रेपिस्ट का आरोपी के टैग हटने से खुश है। उसने कहहा कि आखिरकार मैं ‘बलात्कारी’ कहलाने के टैग से मुक्त हूं। मुझ पर एक अपराध का आरोप लगाया गया था, जिसे मैंने कभी नहीं किया।

युवक ने कहा कि इन 22 वर्षों में एक कलंक का सामना करना मुश्किल रहा है। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए दर्दनाक और अपमानजनक रहा। दो पक्षों के बीच भूमि विवाद के कारण मुझे इस मामले में घसीटा गया। फिर भी मुझे इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ा। शुरू से ही युवक खुद को निर्दोष बताता रहा था। तब किसी ने यकीन नहीं किया। लेकिन, अब कोर्ट का आदेश आने के बाद हर कोई युवक को निर्दोष मानने लगा है।

किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट नरेश कुमार दिवाकर और सदस्य साधना गुप्ता एवं प्रशांत सिंह राघव ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा है कि आरोपी ने बलात्कार किया था। इसलिए, अदालत ने उसे बरी कर दिया। आरोपी के वकीलों जीसी सिन्हा और के के गौतम ने कहा कि उनके मुवक्किल एवं उसके दोस्त के खिलाफ 26 अगस्त 2000 को अतरौली पुलिस स्टेशन में पड़ोस की एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।