ताजमहल के पीछे ही नहीं, बल्कि अंदर भी प्लास्टिक कचरा फैला है। यहां प्लास्टिक की खाली बोतलें पड़ी रहती हैं। इस पर अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता लिसीप्रिया कंगुजम ने भारतीय पुरातत्व महानिदेशक को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। ताजमहल में प्लास्टिक की बोतल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है।
मणिपुर की रहने वाली 10 साल की लिसीप्रिया कंगुजम 20 जून को पहली बार आगरा आई थीं। उन्होंने ताजमहल में भ्रमण किया। ताज देखने के बाद वह पार्श्व में यमुना किनारा गई, जहां उन्हें प्लास्टिक कचरा फैला मिला। जिसका फोटो 21 जून को उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया। उन्होंने ताजमहल की खूबसूरती पर प्रदूषण के कारण लग रहे दाग का मुद्दा उठाया। इसके बाद प्रशासन जागा और ताज के पार्श्व में यमुना किनारे पड़े प्लास्टिक के कचरे को साफ कराया गया।
ताजमहल देखने के बाद लिसिप्रिया का अनुभव वहां मिले प्लास्टिक प्रदूषण से अच्छा नहीं रहा। उन्होंने 21 जून को ताज के पार्श्व में नदी किनारे फैले प्लास्टिक प्रदूषण कचरे पर फोटो ट्वीट किया। उनके एक ट्वीट से दशहरा घाट की सूरत बदल गई है।
तीन दिन लगातार सफाई के बाद अब ताजमहल के पीछे यमुना किनारा चमक रहा है, लेकिन ताजमहल के अंदर भी लिसीप्रिया कंगुजम ने एएसआई के महानिदेशक वी विद्यावथी से प्लास्टिक की बोतल पर प्रतिबंध की मांग उठाई है।
दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए मुहिम चला रही लिसीप्रिया ने बताया कि ताजमहल के अंदर उन्हें सफाई नहीं मिली। प्लास्टिक बोतल बिखरी पड़ी थीं। दुनियाभर से आने वाले लोगों में ऐसे हालात देखकर छवि खराब होती है।
लिसीप्रिया की शिकायत पर नगरायुक्त ने ताजमहल के आसपास छह वार्डों में सफाई के लिए जिम्मेदार लायन सर्विसेज पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जोनल सेनेटरी ऑफिसर की रिपोर्ट में सफाई व्यवस्था में लायन सर्विसेज फेल साबित रही है। नगरायुक्त निखिल टी फुंडे ने सफाई एजेंसी को अंतिम नोटिस देते हुए भविष्य में सफाई में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी है।
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