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Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में हरियाली ने बड़ी कीमत चुकाई, अब मिलेगा 13.79 लाख पौधों का हरित सुरक्षा कवच

अनिल सिंह, बांदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में हरियाली को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। निर्माण शुरू होने से पहले एक्सप्रेस-वे वाले सभी 7 जिलों में 1 लाख 90 हजार से ज्यादा पेड़ों का सफाया कर दिया गया, जिससे इस इलाके की हरियाली लुप्त हो गई। अब जब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे लगभग बनकर तैयार हो गया है तो सरकार ने भी इस क्षेत्र को हरा भरा करने के लिए 13.79 लाख पौधों का सुरक्षा कवच बनाने का फैसला किया है। इसके तहत निर्माण कार्य के दौरान बड़ी संख्या में फूलदार पौधे लग चुके हैं और आगामी 13 जुलाई को जब प्रधानमंत्री एक्सप्रेस-वे को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, तभी पौधारोपण अभियान भी शुरू किया जाएगा।

बांदा और औरैया में सबसे ज्यादा पेड़ कटे
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बांदा सहित बुंदेलखंड के 5 जिलों के लिए सरकार की ओर से सौगात होगी। जहां इसकी शुरुआत होने से चित्रकूट से मात्र 7 घंटे में लोग दिल्ली का सफर पूरा करेंगे। वहीं, एक्सप्रेस-वे के बन जाने से इस क्षेत्र का विकास होगा। साथ ही उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त होगा। इस सौगात के लिए इस क्षेत्र में पेड़-पौधों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। निर्माण शुरू होने से पहले 1 लाख 90 हजार पेड़ पौधों को काट दिया गया। इनमें सर्वाधिक पेड़ बांदा के निर्माण में भेंट चढ़े हैं और इसके बाद दूसरा जिला औरैया है, जहां बड़ी संख्या में पौधों का नुकसान हुआ है। इसको लेकर पर्यावरण से जुड़ी संस्थाओं अपना विरोध जताया था।

हरियाली वापस लाने की कवायद शुरू
अब एक्सप्रेस-वे बनकर लगभग तैयार हो चुका है। सरकार ने निर्माण के साथ-साथ क्षेत्र की हरियाली वापस लाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) और मीडियन (दोनों लेन के बीच में) 13.79 लाख पौधों को लगाने का निर्णय लिया है। अधिकांश पौधे ऑक्सीजन देने वाले और औषधि पौधे होंगे।

प्रति किलोमीटर 1998 पौधे लगाए जाएंगे
इस बारे में शनिवार को एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का जायजा लेने आए यूपी प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट प्रथम के सहायक अभियंता एसके यादव ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के आरओडब्ल्यू में प्रति किलोमीटर 1998 पौधे लगाए जाएंगे। इसके तहत पीपल, बरगद अशोक सहित औषधि पौधों को वरीयता दी जाएगी, जबकि एक्सप्रेस-वे के दोनों लेनों के बीच मीडियन में 666 पौधे प्रति किलोमीटर रोपित किए जाएंगे जो फूलदार होंगे। इनकी ऊंचाई 4 से 5 फीट होगी। मीडियन में लगने वाले पौधे से एक लेन के वाहनों की रोशनी दूसरे पर नही पड़ेगी, ताकि किसी तरह का हादसा न हो।

सभी छह पैकेज में फूलदार पौधे लग गए
इस तरह 296 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे में आरओडब्ल्यू और मीडियन सहित 13.79 लाख पौधे रोपित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी छह पैकेज के निर्माण कार्य में अधिकतर जगह मीडियन में फूलदार पौधे लगाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि आगामी 13 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण प्रस्तावित है। उसी दिन सभी छह पैकेज निर्माण क्षेत्र में 20-20 हजार पौधे रोपित किए जाने का लक्ष्य है। जहां से प्रधानमंत्री लोकार्पण करेंगे, वहां 75 औषधि पौधे भी लगाए जाएंगे। इस तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में जितने पेड़ निर्माण के दौरान भेंट चढ़े हैं। उससे कहीं अधिक पेड़ लगाकर सरकार इस क्षेत्र को पुनः हरा-भरा बनाने में जुट गई है।