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Foundation Day: बिना स्थायी कुलपति के एक साल से संचालित हो रहा विश्वविद्यालय, आज मनाएगा 96वां स्थापना दिवस

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन एक जुलाई को 96वां स्थापना दिवस मनाएगा। यहां एक साल से बिना स्थायी कुलपति के काम हो रहा है। लिहाजा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरू स्नातक का शैक्षणिक सत्र प्रभावित है। वर्षभर में पहली सेमेस्टर परीक्षा ही हो पाई। सत्र समापन पर व्यावसायिक पाठ्यक्रम तय हुए।
 
स्थायी कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल पांच जुलाई 2021 को हटे थे। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के पास प्रभार रहा। 27 जनवरी 2022 से कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के पास प्रभार है। हालात यह रहे कि मुख्य परीक्षा में प्रश्नपत्र आउट हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत संचालित पाठ्यक्रमों का एकेडमिक कैलेंडर नहीं जारी हुआ। 

छात्रों को आंदोलन करना पड़ रहा

उत्तर प्रदेश महाविद्यालय विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि छात्रों को परीक्षा और परिणाम के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। तमाम कोर्स ऐसे हैं, जिनकी परीक्षाएं समय से नहीं हो रहीं।

दो विवि देखने से लटकते हैं काम 
विश्वविद्यालय आवासीय परिसर शिक्षक संघ  के अध्यक्ष प्रोफेसर शरदचंद उपाध्याय ने कहा कि स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। नीतिगत और वित्तीय निर्णय लेने में कठिनाई हो रही। प्रभारी कुलपति पर दो विवि की जिम्मेदारी होने से काम लटकते हैं।
नीतिगत निर्णय नहीं हो पा रहे
डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि शिक्षक संघ (औटा) के महामंत्री डॉ. भूपेंद्र चिकारा ने कहा कि विश्वविद्यालय की दुर्दशा हो रही है। छात्रों व शिक्षकों के हित में उचित व नीतिगत निर्णय नहीं हो पा रहे हैं। औटा की मांग है कि स्थायी कुलपति की नियुक्ति की जाए।
छात्रहित को सर्वोपरि नहीं रख रहे
विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि अधिकारी अपने हित को प्राथमिकता दे रहे हैं। छात्रहित सर्वोपरि नहीं रख रहे हैं। जल्द स्थायी कुलपति की नियुक्ति की जानी चाहिए।
पांच माह की उपलब्धियां गिनाईं
प्रभारी कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के करीब पांच माह के कार्यकाल की रिपोर्ट साझा की गई। जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर के मुताबिक विवि का कुलगीत तैयार हुआ। नैक निरीक्षण की तैयारियां शुरू हैं। कई सालों बाद दीक्षांत पंजिका तैयार हुई। चार वर्षों से लंबित पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराई। 135 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी गई। शुल्क निर्धारण हुआ। पहली बार आवासीय इकाई के शिक्षकों ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। संविदा शिक्षकों को शोध निर्देशक बनाया गया। 

पहली बार प्रशिक्षण व रोजगार प्रकोष्ठ बनाकर 900 विद्यार्थियों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ। जालमा कुष्ठ रोग संस्थान के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। चारों परिसरों में पुस्तकालय स्थापित हुआ। शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारण, लंबित प्रोन्नति प्रक्रिया हुई। स्थायी शिक्षकों के 51 नियमित पदों के लिए विज्ञापन जारी कर 1033 आवेदन प्राप्त हुए। गत दीक्षांत समारोह में नौ नए पदक दिए गए, आगामी दीक्षांत के लिए आठ नए पदकों को मंजूरी दी गई है। 

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन एक जुलाई को 96वां स्थापना दिवस मनाएगा। यहां एक साल से बिना स्थायी कुलपति के काम हो रहा है। लिहाजा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरू स्नातक का शैक्षणिक सत्र प्रभावित है। वर्षभर में पहली सेमेस्टर परीक्षा ही हो पाई। सत्र समापन पर व्यावसायिक पाठ्यक्रम तय हुए।

 

स्थायी कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल पांच जुलाई 2021 को हटे थे। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के पास प्रभार रहा। 27 जनवरी 2022 से कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के पास प्रभार है। हालात यह रहे कि मुख्य परीक्षा में प्रश्नपत्र आउट हुए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत संचालित पाठ्यक्रमों का एकेडमिक कैलेंडर नहीं जारी हुआ। 

छात्रों को आंदोलन करना पड़ रहा

उत्तर प्रदेश महाविद्यालय विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि छात्रों को परीक्षा और परिणाम के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। तमाम कोर्स ऐसे हैं, जिनकी परीक्षाएं समय से नहीं हो रहीं।