Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

शिक्षक बच्चों की बुनियादी शिक्षा पर ध्यान दें-प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने विद्यालय प्रवेश एवं शिक्षा में गुणवत्ता के लिए आयोजित वेबीनार में शिक्षा की स्थिति पर चिंतन-मनन की बात करते हुए शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को बुनियादी शिक्षा देना जरूरी, जो आगे जाकर उनको उच्च शिक्षा में सहयोग करेगा। डॉ. शुक्ला ने कहा कि बच्चों की बुनियादी शिक्षा मजबूत होना जरूरी है। वेबीनार में जिलों के शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, संकुल समन्वयक, सभी स्कूलों के प्राचार्य, प्रधान पाठक और लगभग 20 हजार शिक्षक शामिल हुए।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने शिक्षकों से आव्हान किया कि बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। प्राथमिक शिक्षा में स्कूल की स्थिति पहले की तुलना में अच्छी होने के बाद भी हम शिक्षा के स्तर को उस स्तर पर नहीं ला पा रहे हैं, जिसकी हमे अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत शतत् प्रयास किए जाएं। सिर्फ बच्चों के शिक्षण पर ध्यान दिया जाए और उनके उत्तरोत्तर प्रगति के लिए जितना संभव हो सके प्रयास करना चाहिए। डॉ. शुक्ला ने विभाग के उच्च अधिकारियों को इस संबंध में सतत् मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने मूलभूत साक्षरता और गणितीय कौशल (एफएलएन), असर और नेशनल एचीवमेंट सर्वे (एनएएस) में किए गए कार्य एवं गुणवत्ता के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में शिक्षकों से आव्हान किया कि बच्चों के सर्वांगिण विकास के लिए प्राथमिक शिक्षा पर भी जोर दें। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा की बुनियाद मजबूत होगी तो उन्हें आगे जाकर भाषा-गणित और अन्य किसी भी प्रकार के शिक्षण में कठिनाई नहीं आएगी।
समग्र शिक्षा के मिशन संचालक श्री नरेन्द्र दुग्गा ने प्रत्येक तीन वर्ष में आयोजित नेशनल एचीवमेंट सर्वे में कक्षा 3,5,8 और 10वीं के छात्रों की राज्य में स्थिति एवं राज्य के विभिन्न जिलों में स्थिति के बारे में चर्चा की। जिसमें उन्होंने बताया कि महासमुंद, सूरजपुर और दुर्ग राज्य में क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। मिशन संचालक ने एनसीईआरटी द्वारा आयोजित नेशनल एचीवमेंट सर्वे के लिए भविष्य में राज्य में अच्छे कार्य करने के लिए टिप्स भी दिए। उन्होंने बताया कि असर सर्वे दिल्ली की संस्था द्वारा गांवों में घर-घर जाकर 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में किया जाता है, न कि स्कूल में। जिसके आधार छत्तीसगढ़ राज्य में धमतरी जिले का प्रदर्शनी उच्चतम रहा। वेबीनार के प्रारंभ में सहायक मिशन संचालक श्री कैलाशचन्द्र काबरा ने मूलभूत साक्षरता एवं गणितीय कौशल पर छत्तीसगढ़ राज्य में किए गए कार्यों की विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया और भविष्य में राज्य के सभी स्कूलों में क्रियान्वयन के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।

You may have missed