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कृषि नियोजन में नियोजित कर्मचारियों को संदेय मजदूरीकी न्यूनतम दरें निर्धारित

प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य में कृषि नियोजन में नियोजित कर्मचारियों को संदेय मजदूरी की न्यूनतम दरें, एक अप्रैल, 2021 से निर्धारित और पुनरीक्षित कर दी हैं।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव श्रम, श्री सुरेश चन्द्रा की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार कृषि कार्य के तहत भूमि को जोतना और बोना, किसी कृषि वस्तु का उत्पादन, उसकी खेती, उसे उगाना और काटना, कृषि उपज को मंडी के लिए तैयार करना और भंडार या मंडी में देना या मंडी तक परिवहन के लिए पहुंचाने का कार्य और सभी आकार के फार्मों में, जिनमें म्यूनिसिपल या कैन्टूनमेंट की सीमाओं के छः किलोमीटर के भीतर स्थित फॉर्म भी सम्मिलित हैं, में मशरूम की खेती सहित  कृषि कार्यों के अनुषंगिक रूप में या उनके साथ-साथ की जाने वाली कतिपय क्रियाएं शामिल हैं।
 इसके अलावा वन संबंधी या काष्ठ उपकरण संबंधी क्रिया, जो कृषि कार्यों के साथ-साथ की जाती है, के अलावा दुग्ध उद्योग, पशुधन में वृद्धि, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन और उनकी अनुषांगिक क्रियाएं भी सम्मिलित हैं। इन कार्यों हेतु वयस्क कर्मकारों के लिए मजदूरी की सर्वसमावेशी न्यूनतम दरें 5304 रूपये प्रतिमाह या 204 प्रतिदिन निर्धारित की गई है।
न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नकद या कर्मचारियों की सहमति से, जिसमें अंशतः नकद या अंशत जिन्स में, इस प्रकार किया जा सकता है कि मजदूरी का कुल मूल्य, किसी भी दशा में भी न्यूनतम मजदूरी दरों से कम न हो। मजदूरी की प्रति घंटा दरें, दैनिक दरों के 1/6 भाग से कम नहीं होगी। किशोरों और बालकों को संदेय मजदूरी की न्यूनतम कालानुपाती दर, किसी व्यस्क कर्मचारी को अनुमन्य कालानुपाती दर से कम न होगी।
किसी भी रूप में मजदूरी की दरें, किसी कर्मचारी के हित के प्रतिकूल लागू नहीं होंगी अर्थात् यदि इस अधिसूचना के अधीन विहित दरों से अधिक मजदूरी की दरों का भुगतान किया जा रहा है, तो उसका भुगतान किया जाता रहेगा और इन्हें इस अधिसूचना के अधीन विहित मजदूरी की न्यूनतम समझा जाएगा।