Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Deoria News: पुंछ सेक्टर में रॉकेट लांचर फटने से देवरिया का जवान बलिदान, 9 माह पहले हुई थी शादी

Default Featured Image

देवरिया: जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में बुधवार को नियमित अभ्यास के दौरान रॉकेट लांचर का गोला फटने से देवरिया का जवान बलिदान हो गया। वहीं, इस घटना में एक अन्य जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गया। उधमपुर स्थित सैन्य अस्पताल में घायल जवान का इलाज चल रहा है। शहीद का पूरा परिवार सेना में है। उनके पिता भी 2019 में सेना से रिटायर हुए हैं। घटना की सूचना पाकर परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों के मुताबिक, गुरुवार देर रात जवान का शव गोरखपुर स्थित उनके आवास पहुंचेगा।

4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे ऋषिकेश
देवरिया जिले के बनकटा थाना क्षेत्र के सोहनपुर गांव निवासी राजेश चौबे के बेटे ऋषिकेश चौबे 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में थी। बुधवार को पुंछ सेक्टर के फायरिंग रेंज में सेना की 14 महार रेजीमेंट का नियमित अभ्यास चल रहा था, जिसमें राजेश चौबे भी शामिल थे। अभ्यास के दौरान ही रॉकेट लांचर का गोला फट गया। इस घटना में राजेश मौके पर बलिदान हो गए, जबकि एक अन्य जवान रमेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया।

सेना में है पूरा परिवार
ऋषिकेश चौबे का पूरा परिवार सेना में है। इनके पिता राजेश चौबे 2019 में सेना से रिटायर होकर घर पर रहते हैं। राजेश के तीन चाचा भी सेना में तैनात होकर देश की सेवा कर रहे हैं। इलाके में ऋषिकेश के परिवार की पहचान फौजी परिवार के तौर पर होती है। 9 महीने पहले ही ऋषिकेश की शादी हुई थी और जल्दी ही वह छुट्टी पर घर आने वाले थे। ऋषिकेश का छोटा भाई राहुल अभी पढ़ाई करता है। पूरा परिवार गोरखपुर के जंगल सीकरी में रहता है। ऋषिकेश के शहादत की खबर जब घर पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया। मां अनीता बेसुध होकर गिर पड़ीं। गांव के पैतृक घर में रहने वाले बाबा रंजन चौबे और दादी गुलाची देवी को देर रात जब जानकारी मिली तो वे दहाड़ें मारकर रोने लगे।

गोरखपुर में होगा अंतिम संस्कार
पिता राजेश चौबे ने बताया कि गुरुवार देर रात तक शव गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचेगा। गोरखपुर के राजघाट पर राप्ती नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। गोरखपुर स्थित मकान पर शुभचिंतकों और मित्रों का जमावड़ा लगा है। शोकाकुल परिवार को सभी लोग सांत्वना दे रहे हैं।
इनपुट- कौशल किशोर त्रिपाठी