Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Eid al Adha 2022: बकरीद की नमाज में ग्लोबल वार्मिंग पर जताई गई चिंता, बारिश के लिए खास दुआ

Default Featured Image

लखनऊ: लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में बकरीद की नमाज से पहले खुतबे (भाषण) में ग्लोबल वार्मिंग पर चिंता जाहिर करते हुए बारिश के लिए खास दुआ की गई। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के मुखिया और मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि खुतबे के दौरान लोगों को बताया गया कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने पेड़ लगाने को बेहद पुण्य का काम बताया है। मुस्लिम कौम के लोगों से अपील की गई कि वे तमाम मस्जिदों के इर्द-गिर्द ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं ताकि ग्लोबल वार्मिंग के असर को कम किया जा सके और मौसम में आ रही अनिश्चितता को दूर करने में मदद मिले।

शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि नमाज के बाद बारिश के लिए खास दुआ की गई, साथ ही लोगों ने मुल्क में अमन, शांति और भाईचारा बरकरार रहने की भी दुआएं की। मौलाना रशीद ने बताया कि उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने ऐशबाग ईदगाह पहुंच कर लोगों को बकरीद की बधाई दी।

पैगंबर के अल्लाह के प्रति त्याग और बलिदान की याद में मनाए जाने वाले बकरीद के त्‍योहार पर लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह समेत विभिन्न मस्जिदों में सुबह बड़ी संख्या में मुसलमानों ने नमाज अदा की। मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि ईद उल अजहा के मौके पर अल्लाह की राह में कुर्बानी करने का रिवाज है, इसके लिए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने पहले से ही परामर्श जारी किया था। उन्होंने बताया कि इसके तहत मुसलमानों को हिदायत दी गई थी कि वे कुर्बानी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल न करें ताकि किसी को कोई आपत्ति ना हो।

मौलाना ने कहा कि इसके अलावा कुर्बानी से जुड़ी अन्य तमाम हिदायतें भी दी गई थीं, जिनका आमतौर पर व्यापक असर देखने को मिला। इसके अलावा शहर की टीले वाली मस्जिद और आसिफी मस्जिद में भी बड़ी संख्या में मुसलमानों ने नमाज अदा की। लखनऊ के पुलिस आयुक्त डी. के. ठाकुर ने बताया कि नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई। लखनऊ की तमाम मस्जिदों में ईद उल अजहा की नमाज के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। उन्होंने कहा कि नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा हुई और कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। पिछली तीन जून को कानपुर में और 10 जून को प्रदेश के कई जिलों में जुमे की नमाज के बाद व्यापक हिंसा होने के मद्देनजर ईद-उल-जुहा की नमाज के लिए भी कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे।