सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को जमानत देने के लिए एक नया कानून बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया ताकि आपराधिक मामलों में आरोपियों की रिहाई को कारगर बनाया जा सके।
न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कई निर्देश जारी करते हुए कहा कि जांच एजेंसियां और उनके अधिकारी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश होने की सूचना) की धारा 41-ए का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों को उन विचाराधीन कैदियों को खोजने का भी निर्देश दिया जो जमानत की शर्तों का पालन करने में सक्षम नहीं हैं और उनकी रिहाई को सुविधाजनक बनाने के लिए उचित कार्रवाई की जाए।
इसने सभी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और उच्च न्यायालयों को चार महीने में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने यह निर्देश सीबीआई द्वारा एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से संबंधित एक मामले में फैसला सुनाते हुए दिया।
फैसले के ब्योरे का इंतजार है।
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