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स्थानीय-नियोजन नीति तय नहीं होने से आदिवासी-मूलव

Kaushal Anand

Ranchi: झारखंड में गठबंधन सरकार बने ढाई साल से अधिक हो जाने के बावजूद राज्य का अपना स्थानीय एवं नियोजन नीति नहीं बनने से आदिवासी-मूलवासियों में नाराजगी व्याप्त है. इसके तय किए बिना ही विभिन्न विभागों द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की बातें सामने आ रही हैं. इससे आदिवासी-मूलवासी समाज में रोष है. इसलिए अब इस मुद्दे को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. यह बातें मंगलवार को आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा कोर कमेटी की बैठक के दौरान डॉ करमा उरांव ने कही.

उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय एवं नियोजन नीति को अबतक समुचित स्वरूप से परिभाषित नहीं होना राज्यहित एवं युवाओं के पक्ष में नहीं है. लाखों पद रिक्त हैं पर झारखंड कर्मचारी सेवा आयोग के माध्यम से वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी नियुक्ति नहीं हुई यह दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति है. शिक्षित बेरोजगार युवा दर-दर रोजगार के लिए भटक रहे हैं. राज्य में शासनिक और प्रशासनिक क्षेत्र से निचले स्तर तक व्याप्त है. जनता त्रस्त है और उक्त परिस्थिति में जनता त्रस्त है. राज्य में राजकीय दफ्तरों में कोई कार्य बिना लेन देन के नही होते हैं. पूर्व उद्योग सचिव पूजा सिंघल का भ्रष्टाचार में लिप्त होने राज्य सरकार की पोल खोलता है. इसे लेकर 31 अगस्त को मोर्चा का वर्षगांठ आयोजित होगी. जिसमें सशक्त आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी.

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बैठक में बैठक अंतु तिर्की, प्रवीण देवघरिया, आजम अहमद,विभय नाथ शाह देव, दिनेश उरांव,बलकू उरांव, धर्म दयाल साहू, देव सहाय मुंडा,सुरेश कुमार,रिंकू खान,इसराइल खालिद, इसमे आजम, अजय कुमार मंडल थे.

 

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