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Ganga Expressway: पर्यावरण क्लीयरेंस की बाधा दूर, अब तेजी से होगा गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण

लखनऊ: गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) को जमीन पर उतारने की दिशा में बड़ी सफलता हो गई है। गंगा एक्सप्रेसवे को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इस 594 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को पूरा कराकर सीएम योगी देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनाने वाले नेता के रूप में खुद को स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने इनवायरमेंटल क्लीयरेंस दे दिया है।

यूपी सरकार की ओर से इस परियोजना को शीघ्र शुरू कराने की तैयारी की जा रही है। योजना को तीन साल में पूरा कराने का दावा किया जा रहा है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने दावा किया है कि इनवायरमेंटल क्लीयरेंस मिलने के बाद गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अगले छह माह में शुरू कर दिया जाएगा। नंदी ने इस अनुमति के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया। साथ ही, कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नए भारत का नया उत्तर प्रदेश हर गुजरते दिन के साथ तरक्की के नए आयाम छू रहा है।

मंत्री नंदी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे को पर्यावरण की मंजूरी मिलना, विकास परियोजनाओं को निश्चित समय अवधि पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने इसे एक विशिष्ट अवसर करार दिया। गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागरज शामिल हैं। 594 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में होने वाली प्रगति में काफी अहम भूमिका निभाएगा।

मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी का गंगा एक्सप्रेसवे-वे जब बनकर तैयार होगा तब यह यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। इससे राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार की नई राह खुलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी सरकार के इस मेगा प्रोजेक्ट की आधारशिला शाहजहांपुर में रखी थी। इसी जिले में एक्सप्रेसवे पर एयरस्ट्रिप बनाने की योजना है। देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे हापुड़ में बिजौली से शुरू होकर 12 जिलों से होता हुआ प्रयागराज पहुंचेगा। इस एक्सप्रेसवे को 2025 तक पूरा कराने की योजना है।