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श्रावस्ती के पर्यटन विकास पर 3659.63 लाख रूपये की धनराशि व्यय की गई

प्रदेश में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाये उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पर्यटन विकास मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के बुद्धिष्ट सर्किट के अंतर्गत श्रावस्ती के चौमुखी विकास के लिए 3659.63 लाख रूपये की लागत से ध्वनि एवं प्रकाश शो, वर्ल्डपीस वेल का सौन्दर्यीकरण, बुद्धा थीम पार्क, मार्डन टायलेट फैसिलिटी, पार्किंग, सोलर लाईटिंग, साईनेज वेस्ट मैनेजमेंन्ट, सी0सी0टी0वी0, वाई फाई, हेलीपैड, टर्मिनल ब्लॉक, लास्टमाइल कनेक्टिविटी का कार्य पूरा कराया गया है। जिससे कपिलवस्तु आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधायें प्राप्त हो रही हैं। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध हो रहे हैं।
यह जानकारी पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि श्रावस्ती उ0प्र0 के श्रावस्ती जिले में राप्ती नदी के किनारे तथा नेपाल सीमा के समीप स्थित है। श्रावस्ती बौद्ध तथा जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। भगवान बुद्ध ने यहां लम्बे समय तक प्रवास किया। प्राचीन काल में यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी तथा भगवान राम के पुत्र लव ने भी श्रावस्ती को अपनी राजधानी बनाया था।
यह बुद्धकालीन नगर था जिसके भग्नावशेष राप्ती नदी के दक्षिणी किनारे पर फैले हुए हैं। इन भग्नावशेषों में दो स्तूप हैं, जिनमें से बड़ा महेट तथा छोटा सहेट नाम से विख्यात है। इन स्तूपों के अतिरिक्त अनेक मंदिरों एवं भवनों के भग्नावशेष भी मिले हैं। श्रावस्ती में लाखों की संख्या में बौद्ध धर्म से जुड़े अनुयायी, पर्यटक, श्रद्धालु सालभर आते रहते हैं। विशेष पर्वों पर यहां पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है।