केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (SD2.0) के रूप में संशोधित किया है, जिसका उद्देश्य गंतव्यों पर स्थायी और जिम्मेदार बुनियादी ढाँचा विकसित करना है। द्रमुक सांसद एम मोहम्मद अब्दुल्ला के एक सवाल का राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए रेड्डी ने कहा कि एसडी 2.0 के लिए दिशा-निर्देश हितधारकों को वितरित कर दिए गए हैं।
पर्यटन मंत्रालय, स्वदेश दर्शन और प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान) की अपनी योजनाओं के तहत, पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि इस योजना के तहत परियोजनाओं को धन की उपलब्धता, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने, योजना दिशानिर्देशों का पालन करने और पहले जारी किए गए धन के उपयोग के अधीन स्वीकृत किया गया है।
सरकार ने 2014-15 में थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट- बौद्ध सर्किट, कोस्टल सर्किट, डेजर्ट सर्किट, इको सर्किट, हेरिटेज सर्किट, नॉर्थईस्ट सर्किट, हिमालयन सर्किट, सूफी सर्किट, कृष्णा सर्किट, रामायण के एकीकृत विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना शुरू की थी। सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, वन्यजीव सर्किट और जनजातीय सर्किट। मार्च 2022 तक, इस योजना के तहत 5,445 करोड़ रुपये की लागत से 15 सर्किटों में 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
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