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Editorial:पीओके को पाक के कब्जे से मुक्त कराना आवश्यक

27-7-2022

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जब से सत्ता में आयी है तब से ऐसे कई कार्य संभव हुए हैं जो कभी असंभव माने जाते थे। मोदी सरकार कड़े और बड़े फैसले लेने के लिए जानी जाती है। सरकार ने जनता से किए अपने कई वादों को पूरा कर दिखाया है। जैसे कि कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने का निर्णय हो या फिर अयोध्या में राम मंदिर बनाने का काम हो। इसके बाद प्रश्न उठते हैं कि आखिर मोदी सरकार के एजेंडे में अब आगे क्या है? कहीं सरकार की नजर अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर तो नहीं?

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी PoK भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठा है। हालांकि जब भी मौका  मिलता है भारत सरकार PoK पर पाकिस्तान को अपना स्टैंड स्पष्ट कर देती है। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से एक बार फिर स्पष्ट रूप से पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा गया कि पीओके हमारा है और हमेशा हमारा ही रहेगा।

दरअसल, रविवार को जम्मू में आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह में शिरकत करने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा- “PoK भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। इस पर बुरी नजर डालने वाला कोई भी हो भारत उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। संसद में इस बारे में सर्वसम्मत प्रस्ताव भी पारित है।“ रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि अगर कोई युद्ध हुआ तो भारत उसमें विजयी बनकर निकलेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से PoK पर इतना बड़ा बयान आना अपने आप में बड़ी बात हो जाती है। परंतु ऐसा पहली बार तो नहीं है जब सरकार के किसी शीर्ष नेता की तरफ से पीओके को लेकर इस तरह की बयानबाजी की गयी हो। 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 निरस्त करते समय पीओके पर लोकसभा में दिए गए उस बयान को याद कीजिए, जब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि “PoK के लिए हम अपनी जान भी देने के लिए तैयार हैं।”

इन बयानों के माध्यम से सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि मोदी सरकार के लिए PoK कितनी अहमियत रखता है। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिया गया ताजा बयान को लेकर एक बार फिर प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या मोदी सरकार PoK को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल कराने की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है? क्या अंदर ही अंदर सरकार द्वारा इसके लिए कोई रणनीति या कूटनीति बना रही है? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान तो इसी ओर इशारा करते हैं।

देखा जाए तो पीओके को भारत का हिस्सा बनाना वर्तमान के समय की बड़ी आवश्यकता भी बनता जा रहा है। भारत के हिस्से पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। ऐसे में आखिर कब तक हम अपने एक हिस्से को यूं पाकिस्तान को सौंपे रखेंगे? पाकिस्तान पीओके में कोई विकास तो कर ही नहीं रहा बल्कि इसके विपरीत PoK में रहने वाले लोगों की जिंदगी को बद से बदतर बनाता चला जा रहा है। यही कारण है कि पीओके की जनता भी भारत के साथ है। वे भारत आना चाहते हैं। इसी वजह से बीच-बीच में मुजफ्फराबाद, गिलगित और कटोली में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते हैं। इन कारणों से PoK को भारत का हिस्सा बनाना जरूरी होता चला जा रहा है। ऐसे में अगर आप जल्द ही पीओके के संबंध में भारत सरकार को बड़ा कदम उठते हुए देखें तो कतई हैरानी नहीं होनी चाहिए।