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सम्मान निधि योजना : एटा में अब लेखपाल करेंगे लाभार्थी किसानों का सत्यापन, अपात्र मिलने पर हटेगा नाम

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एटा जिले में करीब 2.86 लाख किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। अब इनका राजस्व लेखपालों द्वारा सत्यापन किया जाएगा। जिसके लिए लेखपालों को अलग से पारिश्रमिक दिया जाएगा। अभी तक कृषि विभाग के कर्मचारी ही सत्यापन कर रहे थे, जो अभी तक पूरा नहीं कर पाए हैं।

केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये का लाभ दिया जा रहा है। यह धनराशि साल में तीन बार प्रति किस्त दो हजार रुपये के हिसाब से दी जाती है, लेकिन कई किसान अपात्र होने के बाद भी लाभ ले रहे हैं। जिसका सत्यापन कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा था। 

64 फीसदी किसानों का ही हुआ सत्यापन 

अभी तक उन्होंने सिर्फ 64 फीसदी किसानों का ही सत्यापन किया है, जबकि इसकी अंतिम तारीख 31 जुलाई है। प्रशासन ने अब किसानों का सत्यापन कराने के लिए राजस्व लेखपालों को जिम्मेदारी सौंपी है, जो किसानों की भूमि का मिलान खतौनी से करेंगे। 

यदि कोई किसान ऐसा है, जो लाभार्थी सूची में शामिल है और भूमि नहीं है तो उसका नाम हटाया जाएगा। वहीं यदि पति और पत्नी दोनों के नाम से भूमि है और दोनों ही पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं तो उनमें से किसी एक का नाम हटाया जाएगा। लेखपालों को दो रुपये प्रति एंट्री के हिसाब से पारिश्रमिक दिया जाएगा।

जिले के आंकड़े
सम्मान निधि प्राप्त करने वाले कुल किसान- 286000
ई-केवाईसी कराने वाले कुल किसान- 183040
ई-केवाईसी न कराने वाले कुल किसान-102960

उप कृषि निदेशक रोतास सिंह ने बताया कि जिले में 2.86 लाख किसान पीएम सम्मान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इनका सत्यापन राजस्व लेखपालों द्वारा कराया जाएगा। जिसके लिए लेखपालों को पारिश्रमिक दिया जाएगा। 

विस्तार

एटा जिले में करीब 2.86 लाख किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। अब इनका राजस्व लेखपालों द्वारा सत्यापन किया जाएगा। जिसके लिए लेखपालों को अलग से पारिश्रमिक दिया जाएगा। अभी तक कृषि विभाग के कर्मचारी ही सत्यापन कर रहे थे, जो अभी तक पूरा नहीं कर पाए हैं।

केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये का लाभ दिया जा रहा है। यह धनराशि साल में तीन बार प्रति किस्त दो हजार रुपये के हिसाब से दी जाती है, लेकिन कई किसान अपात्र होने के बाद भी लाभ ले रहे हैं। जिसका सत्यापन कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा था। 

64 फीसदी किसानों का ही हुआ सत्यापन 

अभी तक उन्होंने सिर्फ 64 फीसदी किसानों का ही सत्यापन किया है, जबकि इसकी अंतिम तारीख 31 जुलाई है। प्रशासन ने अब किसानों का सत्यापन कराने के लिए राजस्व लेखपालों को जिम्मेदारी सौंपी है, जो किसानों की भूमि का मिलान खतौनी से करेंगे।