Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Muharram: ताजनगरी में दो साल बाद निकलेगा ताजियों का जुलूस, इमामबाड़ों में शुरू होंगी मजलिसें

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

मोहर्रम का महीना 31 जुलाई से शुरू हो रहा है। ताजनगरी के मुस्लिम इलाकों में मोहर्रम को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। शिया इमामबाड़ों की मजलिसों में जिक्र-ए-हुसैन होगा। इसके लिए मौलानाओं को आमंत्रित किया जा रहा है। मोहर्रम की सातवीं तारीख से ताजियेदारी शुरू होगी। दसवीं को ताजिए सुपुर्द-ए-खाक किए जाएंगे।
 
ताजिये बनाने का काम कारीगरों ने शुरू कर दिया है। ताजियेदारी का आगाज कटरा दबकैय्यान पाय चौकी स्थित इमामबाड़े में फूलों का ताजिया रखे जाने के बाद होता है। तकरीबन 300 साल पुराने इस ताजिये की जियारत करने के लिए तीन दिन तक अकीदतमंद पहुंचते हैं। मन्नतें मांगते हैं। 

पाय चौकी में सजेंगी झांकियां 

इस ऐतिहासिक ताजिये को रखे जाने के बाद लोग घरों में ताजिये रखते हैं। पाय चौकी में कर्बला की झांकियां भी सजाई जाती हैं। मोहर्रम की दसवीं को ताजियों को न्यू आगरा, गोबर चौकी और सराय ख्वाजा के कर्बला मैदानों में दफन किया जाता है।

हिंदुस्तानी बिरादरी के अध्यक्ष डॉ. सिराज कुरैशी ने बताया कि कर्बला के मैदानों में पानी भरा हुआ है। इस दौरान मजलिसें भी होती हैं। दो साल के बाद ताजियों का जुलूस भी निकाला जाएगा। इसकी शुरुआत पाय चौकी के फूलों के ताजिये को उठाने के साथ होती है। 

इमामबाड़ों में शुरू होंगी मजलिसें

शाहगंज, लोहामंडी और घटिया आजम खां स्थित इमामबाड़ों में मोहर्रम के आगाज के साथ ही मजलिसों का दौर शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही अलम और ताजिये सजाए जाएंगे। शिया समुदाय की ओर से मातम के जुलूस भी निकाले जाते हैं। अंजुमन पंजेतनी के अमीर अहमद एडवोकेट के मुताबिक जुलूस में छुरी, ब्लेड व कमा से मातम किया जाता है। 

विस्तार

मोहर्रम का महीना 31 जुलाई से शुरू हो रहा है। ताजनगरी के मुस्लिम इलाकों में मोहर्रम को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। शिया इमामबाड़ों की मजलिसों में जिक्र-ए-हुसैन होगा। इसके लिए मौलानाओं को आमंत्रित किया जा रहा है। मोहर्रम की सातवीं तारीख से ताजियेदारी शुरू होगी। दसवीं को ताजिए सुपुर्द-ए-खाक किए जाएंगे।

 

ताजिये बनाने का काम कारीगरों ने शुरू कर दिया है। ताजियेदारी का आगाज कटरा दबकैय्यान पाय चौकी स्थित इमामबाड़े में फूलों का ताजिया रखे जाने के बाद होता है। तकरीबन 300 साल पुराने इस ताजिये की जियारत करने के लिए तीन दिन तक अकीदतमंद पहुंचते हैं। मन्नतें मांगते हैं। 

पाय चौकी में सजेंगी झांकियां 

इस ऐतिहासिक ताजिये को रखे जाने के बाद लोग घरों में ताजिये रखते हैं। पाय चौकी में कर्बला की झांकियां भी सजाई जाती हैं। मोहर्रम की दसवीं को ताजियों को न्यू आगरा, गोबर चौकी और सराय ख्वाजा के कर्बला मैदानों में दफन किया जाता है।

You may have missed