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DBRAU: फीस के मामले में फंसा विश्वविद्यालय, 13 अगस्त से परीक्षाएं प्रस्तावित, अब तक नहीं भरे गए फॉर्म

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातक द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के फीस के मामले में फंस गया है। विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित फीस (जो कि वार्षिक फीस के बराबर है) को कॉलेज देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसकी वजह से द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षा फॉर्म भरे नहीं जा रहे हैं। 

कॉलेजों के विरोध के बीच शासन स्तर से फीस निर्धारित कर दी गई है। जिन पाठ्यक्रमों की फीस विश्वविद्यालय 1700 से 2050 रुपये तक ले रहा है, उसके अब 800 रुपये लेने होंगे। हाईकोर्ट ने भी शासन स्तर से निर्धारित फीस ही लिए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। 

फीस निर्धारण के शासनादेश के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा फीस कम नहीं की। दिसंबर 2022 से शासन की ओर से निर्धारित फीस लिए जाने के संबंध में मार्गदर्शन मांगते हुए विश्वविद्यालय की ओर से पूर्व में निर्धारित फीस ही जमा कराई जा रही है। 

कॉलेजों के पक्ष में आया फैसला 
हाईकोर्ट का फैसला कॉलेजों के पक्ष में आने और शासन की ओर से निर्धारित फीस ही लिए जाने के आदेश ने विश्वविद्यालय की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। 13 अगस्त से परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा का फॉर्म भरने की रफ्तार में तेजी नहीं आ रही है। एक चौथाई छात्र-छात्राओं ने भी अभी परीक्षा फॉर्म नहीं भरा है।
 
फीस के संबंध में स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार किया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से फीस के संबंध में कोई निर्णय लिए जाने के बाद ही परीक्षा फॉर्म भरने की रफ्तार में तेजी आएगी। द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के लिए 99 हजार छात्र-छात्राओं के परीक्षा फॉर्म भरे जाने हैं। 

शासन स्तर से निर्धारित फीस ही ली जाती है तो जिन छात्र-छात्राओं ने फीस जमा कर फॉर्म भर दिए हैं, उनकी फीस लौटानी भी होगी। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि फीस के संबंध में कानूनी सलाह ली गई है। एक-दो दिन में फीस के संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।    

विश्वविद्यालय के आय के स्रोत सीमित हुए

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के आय के स्रोत सीमित हो गए हैं। अलीगढ़ मंडल के 408 कॉलेज डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से अलग हो गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम सत्र की परीक्षा डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से देने वाले अलीगढ़ मंडल के छात्र-छात्राएं द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ से देंगे।    

विस्तार

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातक द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के फीस के मामले में फंस गया है। विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित फीस (जो कि वार्षिक फीस के बराबर है) को कॉलेज देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसकी वजह से द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षा फॉर्म भरे नहीं जा रहे हैं। 

कॉलेजों के विरोध के बीच शासन स्तर से फीस निर्धारित कर दी गई है। जिन पाठ्यक्रमों की फीस विश्वविद्यालय 1700 से 2050 रुपये तक ले रहा है, उसके अब 800 रुपये लेने होंगे। हाईकोर्ट ने भी शासन स्तर से निर्धारित फीस ही लिए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। 

फीस निर्धारण के शासनादेश के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा फीस कम नहीं की। दिसंबर 2022 से शासन की ओर से निर्धारित फीस लिए जाने के संबंध में मार्गदर्शन मांगते हुए विश्वविद्यालय की ओर से पूर्व में निर्धारित फीस ही जमा कराई जा रही है। 

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