बाराबंकी: उत्तर प्रदेश में (घाघरा) सरयू नदी ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। नदी के बढ़े जल स्तर से बाराबंकी जिले की तीन तहसीलों में करीब 100 गांव प्रभावित हो गए हैं। तराई में बसे ग्रामीण अपने झोपड़े, मकान छोड़ कर ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर जाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 14 सेंटी मीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ का पानी गावों में घुसने से ग्रामीणों में दहशत मची हुई है।
नेपाल की पहाड़ी नदियों का पानी छोड़ने से सरयू नदी उफान पर है। एल्गिन ब्रिज के लाल निशान (डेंजर लेवल 106.07) से 14 सेंटी मीटर ऊपर नदी का पानी बह रहा है। तहसील रामनगर के हेतमापुर, कोडरी, सरसंडा, बेलहरी, बाबापुरवा, बलाईपुर, बबुरी, केदारीपुर गांव में पानी पहुंच गया है। पानी के तेज बहाव से हेतमापुर मार्ग पर स्थित पुलिया कटने की आशंका बनी हुई। पानी बढ़ने के साथ इस मार्ग पर आवागमन ठप हो जाएगा। बाढ़ आपदा कार्य लगे खंड के इंजीनियर राहुल कुमार ने बताया कि शारदा बैराज से करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल सोमवार शाम तक जल स्तर स्थिर बना हुआ है। कुछ गांवों में पानी घुस रहा है।
प्रशासन की सुस्ती बाढ़ पीड़ितों पर भारी
सिरौली गौसपुर तहसील के टेपरा, सराय सुरजन, बधौली पुरवा, सनावा, भौरीकला व तेलवारी गांवों में घुस रहे बाढ़ के पानी ने खलबली मचा दी है। सुस्त पड़े प्रशासन के राहत बचाव कार्य पर बाढ़ पीड़ितों ने सवाल खड़े किए हैं। टेपरा गांव के निवासी अकबाल बहादुर ने बताया कि नदी का जल स्तर बढ़ने से हम लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। गांव-घर छोड़ कर ऊंचे स्थान (बंधे) पर जाने को मजबूर हैं। जहां रहने, खाने, साफ पीने का पानी जैसी तमाम समस्या रहती हैं। नदी और तटबंध के बीच बसे गावों के लोग अपने जरूरी सामान के साथ तटबंध की ओर पलायन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नावों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई है। सेमरी गांव के ब्रजेश ने बताया कि बाढ़ का पानी ने गांव को चारों ओर से घेर लिया है और जल्द ही गांव में पानी आ जाएगा।
ड्रेसिंग कार्य ने मोड़ा नदी का रुख
जानकारों की मानें तो नदी के इतने पानी से सिरौली गौसपुर तहसील के गांवों में प्रति वर्ष तबाही का आलम रहता था, लेकिन ड्रेसिंग कार्य से आने वाली बाढ़ का असर सिरौलीगौसपुर तहसील के गावों में कम है, लेकिन नदी के फैलाव ने रामसनेही घाट तहसील के गावों में बढ़ती नदी की कटान ने तबाही मचा दी है। विशालकाय पेड़ों के साथ सैकड़ों बीघा कृषि भूमि को अपनी जद में ले लिया है। यहां बाढ़ पीड़ित घरों से जरूरत गृहस्थी का सामन लेकर पलायन कर रहे हैं। इलाके के रानीमऊ, पंसारा, बेलखरा, खेतासराय, मंगरौडा, खजुरी, चिर्रा, गुनौली गांवों में बाढ़ के पानी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है।
सरकारी आंकड़ों में प्रभावित गांव, मदद पहुंचाने का दावा
जिला प्रशासन के आंकड़े के मुताबिक, 2646 जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित है, जिसमें रामसनेही घाट के 8 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसमें खेतों में खड़ी फसल के साथ आबादी भी प्रभावित हुई है। रामनगर तहसील एसडीएम तान्या सिंह का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में चौकियों पर अलर्ट जारी कर लोगों की मदद के लिए टीमें लगाई गई हैं। भोजन राहत सामग्री आदि मदद की आवश्यकता अभी नहीं है। तहसील क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों के लिए 18 शरणालय बनाए गए हैं। कई परिवार बाढ़ से निकल कर अपस्ट्रीम के तटबंध पर शरण ली है।
इनपुट- जितेंद्र कुमार मौर्य
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