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जौहर यूनिवर्सिटी मामला : जकीउर्रहमान ने कहा, भूमि लेनदेन में उसकी भूमिका नहीं, साजिशन फंसाया गया

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रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए लोगों से ली गई भूमि के मामले में दर्ज प्राथमिकी के आरोपी जकीउर्रहमान के मामले में बृहस्पतिवार को भी सुनवाई जारी रही। याची की ओर से बहस की गई। कहा गया कि भूमि के लेनदेन में उसका रोल नहीं  है। साजिश के तहत फंसाया गया। कोर्ट ने समय की कमी की वजह से सुनवाई को 17 अगस्त तक के लिए टाल दिया। याचिका पर न्यायमूर्ति समिति गोपाल की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी।

जकीउर्रहमान पर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए लोगों से षडयंत्र कर उनकी भूमि जबरन कब्जा करने का आरोप है। उसके खिलाफ रामपुर के अजीमनगर थाने में 27 एफआईआर दर्ज हैं। जकीउर्रहमान ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने की मांग पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। याचिका पर दो दिनों से लगातार बहस जारी है। 

बृहस्पतिवार को बहस के दौरान याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनआई जाफरी ने बहस की। उन्होंने बताया कि मामले में याची के खिलाफ 2019 में पहली बार प्राथमिकी दर्ज की गई। दर्जनभर से अधिक हुई शिकायतों की प्रकृति एक है। कुछ का आरोप है कि उनकी भूमि यूनिवर्सिटी के बाहर है। कुछ का कहना है कि उसकी भूमि यूनिवर्सिटी के अंदर है। जबकि, कुछ का कहना है कि उसकी भूमि यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर, दोनों हिस्से में है। 

विस्तार

रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए लोगों से ली गई भूमि के मामले में दर्ज प्राथमिकी के आरोपी जकीउर्रहमान के मामले में बृहस्पतिवार को भी सुनवाई जारी रही। याची की ओर से बहस की गई। कहा गया कि भूमि के लेनदेन में उसका रोल नहीं  है। साजिश के तहत फंसाया गया। कोर्ट ने समय की कमी की वजह से सुनवाई को 17 अगस्त तक के लिए टाल दिया। याचिका पर न्यायमूर्ति समिति गोपाल की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी।

जकीउर्रहमान पर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए लोगों से षडयंत्र कर उनकी भूमि जबरन कब्जा करने का आरोप है। उसके खिलाफ रामपुर के अजीमनगर थाने में 27 एफआईआर दर्ज हैं। जकीउर्रहमान ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने की मांग पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। याचिका पर दो दिनों से लगातार बहस जारी है। 

बृहस्पतिवार को बहस के दौरान याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनआई जाफरी ने बहस की। उन्होंने बताया कि मामले में याची के खिलाफ 2019 में पहली बार प्राथमिकी दर्ज की गई। दर्जनभर से अधिक हुई शिकायतों की प्रकृति एक है। कुछ का आरोप है कि उनकी भूमि यूनिवर्सिटी के बाहर है। कुछ का कहना है कि उसकी भूमि यूनिवर्सिटी के अंदर है। जबकि, कुछ का कहना है कि उसकी भूमि यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर, दोनों हिस्से में है।