ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 13 अगस्त
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि पंजाब में ‘एक विधायक एक पेंशन’ लागू करने की अधिसूचना भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव और सुधार करेगी। उन्होंने कहा, “आप सरकार द्वारा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रीय नायकों के सपनों को साकार करने के लिए यह एक विनम्र पहल है।”
यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने एक वर्गहीन लोकतंत्र का सपना देखा था, जहां चुने हुए प्रतिनिधि लोगों के वास्तविक सेवक के रूप में काम करेंगे और उनकी भलाई सुनिश्चित करेंगे। लेकिन पिछले 75 वर्षों में ये निर्वाचित प्रतिनिधि सरकारी खजाने से फालतू वेतन और पेंशन लेकर राजनीतिक कार्यपालक बन गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं को दी गई इस सुविधा का पूरा बोझ करदाताओं ने उठाया है। इन नेताओं की जेब भरने के लिए जनता के कल्याण के लिए इस्तेमाल किए जाने के बजाय उनके पैसे का दुरुपयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार द्वारा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान स्वतंत्रता सेनानियों और प्रतिष्ठित नायकों को भी एक विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्होंने समानता पर आधारित समाज बनाने के लिए राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार उनकी आकांक्षाओं को संजोने और रंगला पंजाब के रूप में राज्य के गौरव को बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की जनता से किया एक बड़ा वादा पूरा किया है. उन्होंने कहा कि राजनीति लोगों की सेवा है और ऐसा करते समय विधायकों को बड़ी पेंशन की जरूरत नहीं है और वह भी हर कार्यकाल के लिए। भगवंत मान ने कहा कि विधायक स्वेच्छा से लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं, इसलिए इस सेवा के बदले कई पेंशन का दावा करने की उनकी कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक पहल से पंजाब सरकार को अपने मौजूदा कार्यकाल में करीब 100 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
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