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Ghaziabad E-Bus: गाजियाबाद से लखनऊ, आगरा, कानपुर और रुड़की के चलेंगी ई-बसें… जानिए क्या होगी सुविधा

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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से यूपी के प्रमुख इलाकों को ई-बस सेवा से जोड़ने की योजना तैयार की गई है। पिछले दिनों हेलमेट लगाकर रोडवेज बस चलाने का एक फोटो वायरल हुआ था। विपक्षी दलों के नेताओं ने खस्ताहाल हो चुकी परिवहन व्यवस्था पर खूब तंज कसा था। अब इसी व्यवस्था को बदलने की तैयारी की गई है। यूपी रोडवेज कुछ रूटों पर लग्जरी ई-बसें ला रहा है। निजी ऑपरेटरों की ये बसें होंगी। रोडवेज से उन्हें परमिट लेना होगा। किराया भी रोडवेज तय करेगा। बसों का मानक स्टैंडर्ड रखा जाएगा, लेकिन पहली शर्त इसकी फास्ट चार्जिंग होगी। सिर्फ 20 मिनट में फुल चार्ज होने वाली बसों को ही चलाने की अनुमति मिलेगी। चार्जिंग स्टेशन ऑपरेटर खुद लगाएगा या उस रूट पर किसी से करार करेगा।

शुरुआती चरण में कौशांबी से लखनऊ, आगरा, कानपुर और दिल्ली से रुड़की रूट पर ई-बसें चलाने का प्लान है। अभी जो लग्जरी बसें हैं, किराया उनसे कम ही रखने पर विचार किया जा रहा है। अभी रोडवेज के पास लॉन्ग रूट पर सिर्फ डीजल बसें हैं। वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए लंबे समय से ई-बसों को चलाने की सोच रहे हैं। लेकिन, विभाग का बजट इसके आड़े आ रहा है। बजट की इसी बाधा को दूर करने के लिए प्राइवेट बस ऑपरेटरों को मौका दिया जाएगा। परमिट के जरिए रोडवेज को निश्चित रकम भी मिलेगी। इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट की समस्या भी दूर हो जाएगी। जो ई-बसें लॉन्ग रूटों पर उतारी जाएंगी, वे लग्जरी होंगी। सीटिंग और स्लीपर दोनों क्लास की बसें शामिल की जाएंगी। मार्केट और ऑपरेटर का कितना खर्च आएगा, उसके हिसाब से किराया तय किया जाएगा। रोडवेज जो किराया तय करेगा, ऑपरेटर उतना ही वसूल सकेंगे। ज्यादा किराया वसूलने पर परमिट रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई का भी नियम बनाने की बात कही जा रही है।

पहले चरण में वीआईपी रूटों को किया शामिल
शुरुआत में सिर्फ वीआईपी रूटों पर इस प्रॉजेक्ट को ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाएगा। इन रूटों में लखनऊ, आगरा, कानपुर, रुड़की होंगे। यहां पर ई-बसों का यह ट्रायल सफल रहा तो बाद में दूसरे रूटों पर भी इसे लागू किया जाएगा। बस ऑपरेटर शासन की मंजूरी और परमिट के बाद बस चला सकेंगे। बसें कैसी होंगी, इसको लेकर गाइडलाइंस बन चुकी है। सिर्फ लग्जरी श्रेणी की बसों को ही परमिट मिलेगा। जिस रूट पर बस उतारी जाएगी, वहां चार्जिंग की सुविधा जरूर हो। इसका इंतजाम ऑपरेटर को करना होगा। बस चार्ज करने में 20 मिनट से ज्यादा का वक्त न लगे। जहां बस चार्ज की जाए, वहां यात्री सुविधाओं का भी इंतजाम करना होगा।

प्लान तैयार, मंजूरी का इंतजार
यूपी रोडवेज का यह प्लान तैयार हो गया है। शासन के पास मंजूरी के लिए फाइल भेजी गई है। वहां से मंजूरी मिलते ही निजी बस ऑपरेटरों से संपर्क किया जाएगा। कोई भी ऑपरेटर किसी भी रूट पर बस चलाने के लिए पात्र होगा। रोडवेज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इससे वायु प्रदूषण की समस्या से राहत मिलेगी। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ेगी। रोडवेज की आय होगी और एक वक्त बाद रोडवेज खुद की ई-बसों का बेड़ा भी तैयार कर लेगा। यात्रियों को भी कम किराये में लग्जरी बसों में सुरक्षित सफर की सुविधा मिलेगी।

गाजियाबाद रीजन के रोडवेज आरएम एके सिंह ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए ई-बस सेवा का प्लान तैयार किया गया है। प्रदूषण की समस्या भी इससे दूर होगी। यात्रियों को कम किराये में लग्जरी और सुरक्षित सफर की सुविधा मिलेगी।