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भारत में 30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले, पीएम मोदी देश को विकास के पथ पर ले जाएंगे- 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था काफी मजबूत स्थिति में हैं। तमाम चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था का हर क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसकी पुष्टि कई अर्थशास्त्री और रेटिंग एजेंसियों के साथ ही बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी भी कर रहे हैं। एचडीएफसी बैंक के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा है कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। वहीं उन्होंने दावा किया है कि भारत में पिछले 15 साल में 30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।  के साथ खास बातचीत में दीपक पारेख ने कहा कि पिछले 15 साल में 30 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। 

भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और आगे भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं उर्जा सुरक्षा और वित्तीय एवं पूंजी पर काम करते रहना होगा। पारेख ने कहा कि हम काफी समय से कह रहे हैं कि भारत की वृद्धि की क्षमता को लेकर जो लक्ष्य है वह हमारी जद में है। दीपक पारेख ने कहा कि मैं हाल में जितने भी विदेशी निवेशकों या अन्य लोगों से मिला हूं सबसे यही कह रहा हूं कि अपने 50 साल के वर्किंग करियर में भारत को लेकर जितना आज आशावादी हूं, पहले कभी नहीं था। देश की जीडीपी 1990 की शुरुआत में 300 अरब डॉलर से थोड़ी ज्यादा थी लेकिन आज यह 3 लाख करोड़ डॉलर के करीब है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को लेकर अगले 25 साल के लक्ष्य पर दीपक पारेख ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास राजनीतिक पूंजी है जिससे वह भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसकी विश्वसनीयता के कारण वृद्धि के पथ पर ले जा सकते हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि अगले 25 साल में भारत को एक विकसित देश बनना है। मोदी सरकार अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए लगातार कदम उठा रही है, वहीं कच्चे तेल, खाद्य तेल, फर्टिलाइजर और मानसून अर्थव्यवस्था के लिए बुस्टोर डोज के रूप में काम कर रहे हैं।

सरकारी सूत्रों और अर्थशास्त्रियों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ेगी। मोदी सरकार मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रही है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते दिनों कच्चे तेल की कीमतों में जो आग लगी हुई थी, उसमें अब गिरावट आ रही है। वहीं सरकार से मिल रहे संकेतों से पता चलता है कि खाद्य तेल और कच्चे तेल के दाम नरम हुए है। आने वाले समय में खाद्य और कच्चे तेल के दाम और घट सकते हैं।

 इसके अलावा उर्वरक के दाम कम हुए हैं और इस साल मानसून के अच्छे रहने की उम्मीद जतायी जा रही है। इन सबको दुखते हुए मुद्रास्फीति को लेकर दबाव कम होने की बात कही जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि भारत चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में तीव्र आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था होगा।