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पुलिस के हत्थे चढ़ा शातिर हैकर, प्रशासनिक अधिकारियों को देता था आदेश, ट्रांसफर पोस्टिंग में भी करता था दखल

प्रयागराज : अधीनस्थ अधिकारियों को कबीना मंत्री, बड़े उच्चाधिकारी के सीयूजी (CUG) नंबर से कॉल करके मनमुताबिक काम करने का आदेश देने वाले हैकर्स को एसएसपी प्रयागराज को डीएम नोएडा के CUG नंबर से कॉल करना भारी पड़ गया। एसएसपी प्रयागराज शैलेश कुमार पांडेय ने उसकी होशियारी समझ ली। मामले में जांच के बाद पुलिस ने दो शातिर हैकर्स को गिरफ्तार किया है।

आमतौर पर देखा गया कि अपराधी की हद से ज्यादा होशियारी ही उसको फंसा देती है। एसएसपी प्रयागराज शैलेंद्र कुमार पाण्डेय के सीयूजी नंबर वाले मोबाइल पर डीएम नोएडा के सीयूजी नंबर से एक काल आयी। उन्होंने मेजा थाना क्षेत्र के एक छोटे से 323 504 506 धारा के मुकदमें की पैरवी की। बातचीत करने के अंदाज और आवाज में भिन्नता होने पर एसएसपी को कुछ शक हुआ। उन्होंने इसकी जांच के लिए सर्विलांस पर उक्त नंबर को लगवाया तो IP- एड्रेस ट्रेस नहीं हुआ।

हैकर ने डीएम की कॉल की पुष्टि कर फंस गया
तभी एसएसपी के सीयूजी नंबर पर पर श्यामेंद्र उपाध्याय नामक व्यक्ति का फोन आया और उसने पूछा कि क्या आपके पास मेरे मुकदमें के संबंध में डीएम नोएडा का फोन आया था। एसएसपी प्रयागराज ने श्यामेंद्र उपाध्याय की लोकेशन ट्रेस करवाकर थानाध्यक्ष मेजा को पूरी जानकारी एकत्र करने का निर्देश दिया। उपनिरीक्षक राम भवन वर्मा ने श्यामेंद्र उपाध्याय से पूंछताछ की तो सोरांव निवासी अंकित शुक्ला का नाम सामने आया जो हैकिंग में इनकी मदद करता था।

कैलिफोर्निया से ईमेल कर मांगी जानकारी
सर्विलांस टीम ने गूगल के हेड ऑफिस कैलिफोर्निया को ईमेल किया। वहां से पूरी जानकारी मिल गयी कि यही indic app की मदद से फर्जी काल की गई है। हैकर्स एप्प में CUG नंबर फीड कर कॉल करते थे।

हैकर व्यतिगत कामों के लिए भी करते थे कॉल
बता दें, कि एसएसपी प्रयागराज की टीम, साइबर एक्सपर्ट, उपनिरीक्षक राम भवन वर्मा, थानाध्यक्ष मेजा धीरेंद्र सिंह व पुलिस टीम ने बड़ी बारीकी से छानबीन शुरू की तो पता चला कि श्यामेंद्र उपाध्याय व अंकित शुक्ला विद्युत विभाग, तहसीलदार मेजा, विकासखंड मेजा, विकास भवन, समाज कल्याण, पुलिस विभाग जैसे अनेक विभागों में बड़े अधिकारियों के CUG से फर्जी कॉल करवा चुका है। कभी किसी को शक नहीं हुआ और उसकी धाक जमती गयी। विद्युत विभाग में उसने अनेक कार्य कराए वहीं बहुत से लोगों की ट्रांसफर पोस्टिंग भी करवाई। अपने व्यक्तिगत कामों के लिए भी दोनों CUG नंबर फीड कर कॉल करते थे।

पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया उनके पास से 5 मोबाइल फोन बरामद हुए जिनका वह फर्जी फोन कॉल करने में इस्तेमाल करता था। अभी इस केस की जांच चल रही है आगे और खुलासा होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट- शिव पूजन सिंह