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Twin Tower: ट्विन टावर ढहने में बचे सिर्फ 5 दिन, कल तक पूरा करना है कमजोर पिलरों की मरम्‍मत का काम

नोएडा: टि्वन टावर 28 अगस्‍त को ढहा दिया जाएगा। आसपास की सोसायटी के बचाव और स्ट्रक्चरल मजबूती के काम सुपरटेक बिल्डर व टावर ढहा रही एजेंसी को करवाने हैं। इसमें एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के बेसमेंट में 51 पिलर की मरम्मत अहम है। यह मरम्मत आखिर में कोई रास्ता न निकलता देख बिल्डर ने शुरू करवाई है। 28 को टावर ढहाए जाने के लिए सीबीआरआई ने मरम्मत काम 25 तक पूरा करने को समय दिया है। इसकी निगरानी व बाकी काम समय पर पूरा करवाने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने अलग से कमिटी बना दी है। इस कमिटी में टेक्निकल ऑडिट सेल के प्रभारी, वर्क सर्कल प्रभारी व जल विभाग के वर्क सर्कल प्रभारी सीनियर मैनेजर को शामिल किया गया है। कमिटी की निगरानी में यह काम पूरा होने के बाद 25-26 अगस्त को सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CBRI) की टीम परीक्षण करेगी। अगर मानक सही मिले तभी आगे ब्लास्ट को क्लियरेंस मिलेगा।

अथॉरिअी की बनाई गई कमिटी ने मौके पर चल रहे काम के साथ टि्वन टावर में भी जाकर देखा। कमिटी में शामिल सीनियर मैनेजर ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट सोसायटी में 37 पिलर की मरम्मत का काम हो गया है। 14 पिलर का काम भी चल रहा है। मौके पर काम करवा रही बिल्डर की एजेंसी ने गुरुवार तक काम पूरा करवाने का दावा किया है। यह काम कमिटी अपनी निगरानी में पूरा करवाएगी। इसको लेकर सोमवार को सीबीआरआई ने भी अथॉरिटी व बिल्डर को काम 25 तक ही काम पूरा करवाने के लिए कहा है। अथॉरिटी अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत करवा रही एजेंसी जल्दी मजबूती लाने के लिए पिलर में कंक्रीट जो लगा रही है उसमें कुछ केमिकल भी मिलाए जा रहे हैं।

मरम्मत के मानक की निगरानी
एमराल्ड कोर्ट के कमजोर पिलर ने यहां के निवासियों की ब्लास्ट को लेकर धड़कने बढ़ाई हुई हैं। कुछ दिन पहले ही बिल्डर ने यहां पर 51 पिलर की मरम्मत शुरू करवाई है। डेडलाइन के मुताबिक 25 अगस्त तक काम पूरा करना है। ऐसे में यह मरम्मत कितनी मजबूत हो पाएगी इसको लेकर स्थानीय निवासियों के मन में कई तरह के सवाल हैं। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया का कहना है कि मरम्मत के मानक की निगरानी के लिए सीबीआरआई है। सीबीआरआई ही निर्माण के बाद गुणवत्ता व मजबूती परख कर अपनी क्लियरेंस रिपोर्ट देगी।

दावा है कि 25 तक ब्लास्ट की तैयारी होगी पूरी
टावर ढहाने का काम कर रही एडिफाईस एजेंसी के निदेशक उत्कर्ष मेहता ने बताया कि दोनों टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा हो गया है। मंगलवार से वायरिंग का काम शुरू कर दिया है। गुरुवार तक वायरिंग और टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। 25 को ही दोनों टावर ब्लास्ट के लिए एजेंसी की तरफ से तैयार हो जाएंगे। इसके बाद 26-27 में सीबीआरआई और अन्य संस्थान जो निरीक्षण करना हो कर सकेंगे। वहीं एजेंसी के एक्सपर्ट वायरिंग के बाद भी 4-5 बार दोनों टावर में हुए काम की टेस्टिंग करेंगे। एजेंसी वाइब्रेशन रिपोर्ट तैयार करवाने को आईआईटी मद्रास की मदद ले रही है। वहीं, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट भी अपनी रिपोर्ट अलग से तैयार करेगा। इसके लिए सीबीआरआई कई हाईटेक कैमरे व मशीनें आस-पास लगाने जा रहा है। मकसद यह होगा कि टावर ढहाए जाने के दौरान गिरने वाले मलबे की रफ्तार, बिखरने का दायरा व कंपन से जुड़े फैक्ट तैयार कर सके।

सुरक्षा घेरा के साथ डायवर्जन की तैयारियां शुरू
ब्लास्ट का समय नजदीक आ रहा है। मंगलवार को सेंट्रल जोन के डीसीपी राजेश एस ने सुरक्षा व्यवस्था का घेरा बनाए जाने की तैयारी में मौके का निरीक्षण किया। डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा भी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। ट्रैफिक पुलिस ने अथॉरिटी से ध्वस्तीकरण के दिन 28 अगस्त व उसके पहले कितने और कब से रास्ते बंद किए जाने की जरूरत होगी इसकी जानकारी ली। अथॉरिटी अधिकारियों व एजेंसी की तरफ से बताया गया कि एक्सप्रेस-वे के साथ बनाए गए एक्सक्लूजन जोन में जितनी भी सड़कें हैं उनको बंद किया जाना जरूरी होगा। एजेंसी की डिमांड के बाद डायवर्जन की तैयारियां ट्रैफिक पुलिस ने शुरू कर दी हैं। अभी तक की तैयारी के मुताबिक, एक्सप्रेसवे से एमराल्ड कोर्ट के सामने से लेकर आगे गेझा तिराहा और फिर दाहिने घूम कर फिर दाहिने मुड़कर सड़क के सामने तक एक्सप्रेसवे की सड़कें बंद की जाएंगी। इस तरह एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के चारों तरफ की सड़कें बंद हो जाएंगी। पार्श्वनाथ सोसायटी का जो गेट एटीएस ग्रीन और एमराल्ड कोर्ट की तरफ है वह भी बंद रहेगा। बाकी इन सड़कों पर आने वाला ट्रैफिक पहले ही बैरिकेडिंग कर सेक्टर-108, एक्सप्रेस-वे और अन्य दूसरी तरफ से रोक दिया जाएगा। फाइनल डायवर्जन प्लान 26 अगस्त को ट्रैफिक पुलिस जारी करेगी।

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