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Flood : खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रहीं गंगा, यमुना की रफ्तार भी कम नहीं, देखें वीडियो-तस्वीरें

गंगा-यमुना के रौद्र रूप से शुक्रवार को तटवर्ती इलाकों में कोहराम मच गया। दोपहर बाद गंगा-यमुना दोनों खतरे के निशान को पार कर गईं। यमुना की सहायक नदियों केन, बेतवा और चंबल में लगातार उफान से बाढ़ का दायरा और बढ़ने की आशंका है। उधर, गंगा में भी हरिद्वार, नरोरा और कानपुर बैराजों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इससे निचले स्तरों में बसी आवासीय कॉलोनियों में मुसीबतों की बाढ़ फैलने लगी है।

पड़ोसी राज्यों में बारिश के साथ ही नदियों के उफान पर होने का असर यहां साफ दिखने लगा है। यमुना और सहायक नदियों में जल दबाव की वजह से लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन के मुताबिक गंगा चार सेमी. प्रति घंटा और यमुना पांच सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं।

रात आठ बजे तक यमुना खतरे के निशान से 19 सेमी. ऊपर बह रही थी। इस अवधि तक नैनी में यमुना का जलस्तर 84.92 मीटर रिकार्ड किया गया। इसी तरह गंगा के जलस्तर में भी लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है।

फाफामऊ में गंगा खतरे के निशान से 26 सेंमी ऊपर बह रही है। यहां गंगा का जलस्तर रात आठ बजे तक 84.99 मीटर रिकार्ड किया गया। गंगा -यमुना के रौद्र रूप के साथ ही श्मशान घाटों पर भी पानी भर गया है। इससे अंतिम संस्कार में भी लोगों को अब दिक्कतें आने लगी हैं। दारागंज श्मशान घाट डूबने के बाद अब बांध के ऊपरी हिस्से में शवों का अंतिम संस्कार कराया जा रहा है।

अभी 24 घंटे तक इसी तरह गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि होने की उम्मीद है। ऊपरी हिस्से में जल दबाव होने की वजह से बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। इस स्थिति का सामना अभी कुछ और दिनों तक करना पड़ सकता है। – सिद्धार्थ कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई बाढ़ खंड।

गंगा-यमुना में बढ़ता जलस्तर लगातार खतरनाक रूप लेता जा रहा है। बस्तियों में बाढ़ का पानी तो बुधवार को ही घुस गया था, अब इसका दायरा लगातार फैलता जा रहा है। बृहस्पतिवार रात तक एक दर्जन से अधिक मोहल्लों के हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। मुश्किल यह कि दोनों नदियों के जलस्तर में अभी तीन दिनों तक बढ़ोतरी की बात कही जा रही है।

खतरे का निशान 84.734 मीटर है। वहीं बृहस्पतिवार शाम को ही दोनों नदियों का जलस्तर 84 मीटर को पार कर गया था। ऐसे में कछार के निचले इलाकों की बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। छोटा बघाड़ा, नेवादा के पवन नगर, बेली कछार में सैकड़ों मकानों की पहली मंजिल के करीब पानी पहुंच गया है। इन इलाकों में झोपड़ी और टीन शेड में रहने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।

 

यहां कई लोगों ने मकान की नींव तो ऊंची कराई है लेकिन वे चारों तरफ से बाढ़ से घिर गए हैं। सड़कें में भी जलमग्न हो गईं हैं। ऐसे में अपना सामान पहले मंजिल या कहीं और रखकर बड़ी संख्या में लोग पलायन करने लगे हैं। सैकड़ों परिवार गठरी में गृहस्थी बांधकर दूसरा ठौर तलाशने के लिए लोग मजबूर हैं। देर शाम तक 1500 से अधिक लोग तो राहत शिविरों में पहुंच गए थे।

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