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नोएडा के सेक्टर 93 ए में रविवार शाम तक सुपरटेक के ट्विन टावर ध्वस्त कर जमींदोज कर दिए जाएंगे, लेकिन आगरा में भी ऐसी अवैध इमारतें एक दो नहीं, बल्कि 410 हैं, जिन्हें ध्वस्त करने के आदेश भी हो चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन और आगरा विकास प्राधिकरण इनमें से किसी भी एक अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं करा सका है।
ताजमहल समेत स्मारकों के 100 मीटर और बिना अनुमति 300 मीटर तक किए गए अवैध निर्माण पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग अब तक 2240 एफआईआर दर्ज करा चुका है, जिनमें से 410 को दिल्ली मुख्यालय से तोड़ने के आदेश भी हैं।
ताज के 500 दायरे में है निर्माण पर रोक
जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ट्विन टावर ध्वस्त किए जा रहे हैं, उसी सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर दायरे में अवैध निर्माण पर रोक लगा रखी है। फिर भी यहां 250 से ज्यादा अवैध निर्माण हो चुके हैं, जिन पर पुलिस थाने में एफआईआर भी कराई जा चुकी है।
बीते साल कोरोना काल के दौरान भी लोगों ने चोरी छिपे 52 अवैध निर्माण किए, जिनकी एफआईआर कराई गई। हालांकि इन पर कार्रवाई एक पर भी नहीं हुई। ताज के पास बीते 10 सालों में अवैध निर्माण के कारण दृश्यता भी प्रभावित हुई है, जबकि स्मारकों के पास एक मंजिल से ऊंचाई वाले भवनों को निर्माण की अनुमति नहीं है।
सिकंदरा, सीकरी और ताज पर सबसे ज्यादा निर्माण
एएसआई के सिकंदरा, फतेहपुर सीकरी और ताजमहल सबसर्किल में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण किए गए हैं। इनके अलावा रामबाग, दिल्ली गेट, चौबुर्जी, मरियम का मकबरा, जोधाबाई की छतरी, सलावत खां-सादिक खां मकबरा समेत स्मारक चारों ओर से अवैध निर्माण से घिर आए हैं।
सिकंदरा के ठीक सामने पुराने पेट्रोल पंप की जमीन पर 15 दुकानों का कॉम्पलेक्स हाल में ही बनाया गया है। इस पर ध्वस्तीकरण आदेश हैं। इसी तरह पार्किंग केसामने टायर शोरूम, रेस्टोरेंट, 5 होटल, गेस्टहाउस पर एफआईआर और ध्वस्तीकरण आदेश दिए जा चुके हैं। दो साल पहले तत्कालीन मंडलायुक्त ने एएसआई से पूरी दो हजार एफआईआर की कॉपी मांगी थीं, लेकिन ध्वस्तीकरण आदेश और एफआईआर वाले मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
‘हम केवल एफआईआर करा सकते हैं’
अधीक्षण पुरातत्वविद के राजकुमार पटेल ने बताया कि एएसआई एक्ट में स्मारकों के प्रतिबंधित 100 मीटर दायरे और विनियमित 300 मीटर दायरे में अवैध निर्माण पर हम केवल एफआईआर करा सकते हैं। इन्हें तोड़ने का काम जिला प्रशासन और स्थानीय प्राधिकरण या निगम का है।
एक्टिविस्ट डॉ. शरद गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन बेल्ट, ताज के 500 मीटर दायरे में निर्माण पर रोक के आदेश दिए हैं, पर स्थानीय प्रशासन, प्राधिकरण अवैध निर्माण को शह दे रहे हैं। नोएडा की तरह यहां एक भी कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में हम याचिका दायर करने वाले हैं।
एनजीटी के आदेश पर नहीं टूटी इमारतें
यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बनी अवैध इमारतों को ध्वस्त करने का आदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिया था, पर 12 में से 9 इमारतों के डूब क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण पर एडीए कार्रवाई नहीं कर पाया। दीवारें तोड़कर एडीए ने रिपोर्ट दाखिल कर दी।
तालाबों पर हुए पक्के निर्माण नहीं हटे
200 से अधिक तालाबों पर पक्के निर्माण हैं। जबकि 250 से अधिक मामलों में बेदखली के मुकदमे लंबित हैं। सरकारी भूमि व तालाबों पर 100 से अधिक मामलों में बेदखली के आदेश हो चुके हैं, लेकिन राजस्व विभाग व कब्जेदारों के गठजोड़ से अवैध निर्माण पर बुलडोजर नहीं चला।
विस्तार
नोएडा के सेक्टर 93 ए में रविवार शाम तक सुपरटेक के ट्विन टावर ध्वस्त कर जमींदोज कर दिए जाएंगे, लेकिन आगरा में भी ऐसी अवैध इमारतें एक दो नहीं, बल्कि 410 हैं, जिन्हें ध्वस्त करने के आदेश भी हो चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन और आगरा विकास प्राधिकरण इनमें से किसी भी एक अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं करा सका है।
ताजमहल समेत स्मारकों के 100 मीटर और बिना अनुमति 300 मीटर तक किए गए अवैध निर्माण पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग अब तक 2240 एफआईआर दर्ज करा चुका है, जिनमें से 410 को दिल्ली मुख्यालय से तोड़ने के आदेश भी हैं।
ताज के 500 दायरे में है निर्माण पर रोक
जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ट्विन टावर ध्वस्त किए जा रहे हैं, उसी सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर दायरे में अवैध निर्माण पर रोक लगा रखी है। फिर भी यहां 250 से ज्यादा अवैध निर्माण हो चुके हैं, जिन पर पुलिस थाने में एफआईआर भी कराई जा चुकी है।
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