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कृषक उत्पादक संगठन कृषि क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्तंभ: शाहीसहकार भारती द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने की सहभागिता

प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि क्षेत्र के उन्नयन के लिए सहकारी कृषि और कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की भूमिका को परंपरागत एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया। सहकार भारती द्वारा कृषि विभाग के प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने केन्द्र एवं राज्य पोषित एफपीओ की योजनाओं को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान वर्ष में 825 एफपीओ का गठन किया जाना है। जिसमें लगभग 400 एफपीओ गठित हो चुके हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा यूपीशक्ति पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें अब तक 1481 एफपीओ पंजीकृत हो चुके हैं तथा 1381 एफपीओ क्रियाशील हैं।
श्री शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा भी करना चाहती है। इसके लिए हमारी सरकार ने दृष्टि योजना के अन्तर्गत 100 बीज विधायन संयंत्र एवं भण्डार गृह एफपीओ को दिये जा चुके हैं, जिससे भविष्य में अच्छी गुणवत्ता के बीज तैयार किये जायेंगे। इसी प्रकार प्रदेश में दलहन तिलहन को बढावा देने के लिए तोरिया के 2 लाख मिनीकिट एवं कृषकों की आय में गुणात्मक बृद्धि हेतु कृषकों को अगेती गोभी, मिर्च, टमाटर, एवं बैगन की दो करोड पौध उद्यान निदेशक को तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं। कृषकों को दो कि०ग्रा० मटर, तथा मेथी का 1 किग्रा के 75000 मिनीकिट तैयार करने हेतु कार्यवाही तुरन्त करने के निर्देश दिये है।
मन्त्री जी द्वारा बताया गया कि एफपीओ को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों से फार्म मशीनरी बैंक धान एवं गेहूँ के क्रय केन्द्र, बीज, खाद एवं कृषि रक्षा रसायनों के लाइसेन्स इत्यादि प्राथमिकता से उपलब्ध कराये जा रहे हैं । एफपीओ को अपने कार्य कलापों से आत्म निर्भर बनने की दिशा में क्रियाशील होने की आवश्यकता है। इसी क्रम मे एफपीओ को फसल विशिष्ट के रूप में ख्याति प्राप्त करनी है। कार्य कलाप जैसे दलहन, तिलहन उत्पादन, दुग्ध, उत्पादन, सब्जी उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, फल उत्पादन एवं पुष्प उत्पादन इत्यादि में अपनी विशेषज्ञता समाहित कर सकते है। एफपीओ को कृषि ड्रोन से भी जोड़ा जा रहा है। संगठनों को व्यवसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु 05 लाख तक की क्रियाशील पूँजी हेतु बैंक से 4 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान उपलब्ध कराये जाने की योजना संचालित की जा रही है। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 400 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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