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Teachers Day: बदल दी सरकारी स्कूल की सूरत, एडमिशन के लिए अफसर करते हैं फोन, जानिए शिक्षक सम्मान पाने वाले दिनेश वर्मा को

बाराबंकी: शिक्षक दिवस पर राज्य शिक्षक पुरस्कार सम्मान में चयन होने पर बाराबंकी जिले के शिक्षक के परिवार और अधिकारियों में खुशी का माहौल है। प्रदेश में शिक्षक सम्मान के लिए चयनित दस शिक्षकों में सिद्धौर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय कोपवा में तैनात दिनेश वर्मा को प्रथम स्थान मिला है।

डॉक्टर बनने की चाह और मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले शिक्षक दिवस पर नगर क्षेत्र में दहशराबाग के निवासी दिनेश वर्मा का पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। 35 वर्षीय शिक्षक दिनेश वर्मा ने एनबीटी ऑनलाइन से बात करते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में मेरी तैनाती 2011 सूरतगंज ब्लॉक के बतनेरा प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान विषय से हुई थी। जिसके बाद वर्ष 2015 में प्रमोट होकर सिद्धौर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय कोपवा में तैनाती हुई, जिसके बाद लगातार अपनी कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए तैयार किया। जिसमें राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्रों में अपना परचम लहराया।

स्कूल में दाखिले के लिए अफसर करते फोन
शिक्षक दिनेश वर्मा ने बताया कि ये बेहद खुशी का समय है। जीवन संघर्षों में ही खिलता है। हम और हमारा परिवार मध्यम वर्ग से जुड़ा है। विद्यालय में पहुंचे तो छात्र संख्या मात्र 35 थी। तमाम कठिनाइयों और मेहनत के बाद स्कूल में छात्रों की संख्या में काफी इज़ाफा हुआ और स्कूल में बच्चों के एडमिशन के लिए अधिकारियों के फोन आतें हैं।

शिष्यों की मेहनत से गुरु को सम्मान
दिनेश ने बताया कि गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में चयन और कई बार छात्रों के राष्ट्रीय स्तर पर चयन होने से प्रेरणा मिली। शिक्षक दिनेश ने बताया कि छात्रों की मेहनत से मैंने सोचा की तमाम विभागीय प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने का प्रयास किया जाए, जिसके बाद विभागीय परीक्षाओं में पास होने के बाद मेरा शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन किया गया। सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए शिक्षक दिनेश वर्मा ने इसका श्रेय जिले के अधिकारी और छात्रों की मेहनत को बताया है।

बेटे को मिला श्रम का लाभ –पिता
शिक्षक सम्मान में दिनेश वर्मा का चयन होने से शिक्षा विभाग के साथ परिवार में खुशी का माहौल है। सघन सहकारी समिति सचिव से सेवानिवृत्त हो चुके पिता सतगुर शरण वर्मा और माता रामा देवी वर्मा खुशी के आंसू रुकने का नाम ले रहे। पिता सतगुर शरण वर्मा ने उत्साहित होकर सायराना अंदाज में कहा कि “खुशी मिली इतनी की दामन में न समाए, पलक बंद कर लूं कहीं छलक ये न जाए।”, पिता ने बताया कि बेटे को श्रम का लाभ मिला है। इसे सेवाभाव से जुड़ कर काम करने की चाह ने मेरे बेटे को इस पुरस्कार के लायक बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देता हूं।
इनपुट- जितेंद्र कुमार मौर्य