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वित्त और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा पीएनबी, लखनऊ मंडल की 101वीं शाखा का उद्घाटन

प्रदेश के उच्च शिक्षा विज्ञान प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा है कि शिक्षक को समाज में देवतुल्य स्थान प्राप्त है: इसका कारण यह है कि शिक्षक छात्र के भविष्य का निर्माता होता है। गुरू-शिष्य परम्परा को सम्मान देने के लिए हर वर्ष भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षाविद् एवं दार्शनिक डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है।
श्री उपाध्याय आज शिक्षक दिवस पर भारतेन्दु नाट्य एकेडमी में आयोजित ’’गुरू प्रणाम, शिक्षक श्रेष्ठ सम्मान समारोह 2022’’ में शिक्षकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वो छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करें, जिससे भविष्य में छात्र रोजगार खोजने वाला न बनकर रोजगार देने वाला बने, क्योंकि रोजगार चाहने वाला सिर्फ अपनी उन्नति कर सकता है, जबकि रोजगार प्रदाता पूरे समाज एवं राष्ट्र की उन्नति में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप होनी चाहिए किन्तु अपना अतीत भी जानना जरूरी होता है। इसलिए सभी शिक्षक आधुनिक शिक्षा के प्रोत्साहन के साथ-साथ छात्रों को भारत के सुनहरे अतीत से भी परिचित करायें।
श्री उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक जमीनी शिक्षा नीति है। इसमें वर्तमान की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है। नई शिक्षा नीति से छात्रों को रोजगारपरक संस्कारयुक्त शिक्षा मिल सकेगी और रोजगारपरक शिक्षा वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता है और रोजगार उपलब्ध कराना भी देश सेवा का कार्य है। उन्होंने इस अवसर पर शहर के विभिन्न विद्यालयों से आये 51 शिक्षकों/शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया।
गोमती नगर स्थिति भारतेन्दु नाट्य अकादमी में सम्पन्न इस समारोह में शिक्षकों ने भी अपने-अपने द्वारा किये जा रहे नवाचारों को एक दूसरे से साझा किया। इस अवसर पर भारतेन्दु नाटक एकेडमी के निदेशक प्रो0 खन्ना, उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ0 मुकुल चतुर्वेदी, के सम्पादक विजय त्रिपाठी सहित अन्य गणमान्य अतिथि एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।