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महंत नरेंद्र गिरी सुसाइड केस: मुख्य आरोपी आनंद गिरी की जमानत पर फैसला सुरक्षित, 9 सितंबर को कोर्ट सुनाएगी फैसला

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को बहुचर्चित केस महंत नरेंद्र गिरी कथित सुसाइड मामले में आरोपी आनंद गिरी की जमानत याचिका की सुनवाई पूरी हो गई है। हालांकि कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया। 9 सितंबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। इस केस की जांच सीबीआई ने की है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आरोपी आनंद गिरि की जमानत याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह कर रहे हैं।

श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में 10 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि की प्रथम पुण्यतिथि मनाई जाएगी। संत परंपरा और गुरु नरेंद्र गिरी की पसंद के मुताबिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन होगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सत्ता और विपक्ष के शीर्षस्थ नेताओं को आमंत्रित किया गया है। ऐसे में आयोजन के ठीक एक दिन पहले यानी 9 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरी के कथित आत्महत्या के मुख्य आरोपी की जमानत पर फैसला आना लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गया है।

कोर्ट ने जतायी थी नाराजगी
25 अगस्त की सुनवाई के दौरान कोर्ट में सीबीआइ के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव ने साक्ष्य और रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा गया था। इसके बाद 2 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से अधिवक्ता को बदल दिया गया। फिर भी बहस के लिए वकील के नहीं आने पर अदालत ने नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने यह कहते हुए कि अर्जी पर बहस कर रहे सीबीआई अधिवक्ताओं के स्थान पर सीबीआई ने नया वकील रखा है। कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।

सीबीआई के डायरेक्टर थे तलब
2 सितंबर को कोर्ट ने अगली सुनवाई (यानी 7 सितंबर) को सीबीआई के डायरेक्टर को अपने वकील की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी थी कि अगर सीबीआई की तरफ से वकील नहीं आते तो सीबीआई डायरेक्टर विवेचना अधिकारी के साथ कोर्ट को सहयोग देने के लिए स्वयं उपस्थित हो। कोर्ट ने सीबीआई अधिवक्ता संजय कुमार यादव को आदेश की जानकारी डायरेक्टर को 24 घंटे में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। साथ ही निबंधक अनुपालन को भी आदेश की प्रति सीबीआई डायरेक्टर को तत्काल भेजने का आदेश दिया था।

महंत नरेंद्र गिरी ने की थी कथित आत्महत्या
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि कथित सुसाइड मामले में सीबीआइ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। कोर्ट ने उस पर संज्ञान भी ले लिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर 2021 को अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के एक कक्ष में रस्सी के फंदे से लटके मिले थे। पुलिस को कमरे में नौ पन्नों का सुसाइड नोट मिला था।

तीन शिष्यों पर लगा था आरोप
पुलिस ने पुराने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था। सरकार ने जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में सीबीआई ने 20 नवंबर को एक हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई की चार्जशीट आनंद गिरी समेत अन्य के खिलाफ है।

मुख्य आरोपी आनंद गिरि की बदली जेल
आरोपी आनंद गिरि के मामले में नया मोड भी आ गया, जब एफआईआर लिखवाने वाले दोनों वादी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल करते हुए एफआईआर लिखवाने की बात से मुकर गए। महंत नरेंद्र गिरी कथित सुसाइड मामले के मुख्य आरोपी आनंद गिरि गिरफ्तारी के बाद से ही केंद्रीय कारागार नैनी में बंद थे। लेकिन जेल के डीसी की शिकायत करने पर शासन स्तर से उनका स्थानांतरण नैनी से चित्रकूट जेल के लिए कर दिया गया। इसको लेकर आनंद गिरि के अधिवक्ता ने आरोप भी लगाया कि बदले की भावना से जेल बदली गई है और आनंद गिरी के जान पर खतरा भी बताया।
रिपोर्ट – शिवपूजन सिंह

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