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दोस्ती से अदावत तक… अमर, अमिताभ और सहारा की इस तस्वीर के पीछे की जानिए पूरी कहानी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा नाम अमर सिंह रहे हैं। उन्हें राजनीति, फिल्म और उद्योग जगत के बीच पुल के रूप में काम करने वाले नेता के रूप में भी माना जाता है। समाजवादी पार्टी के कभी संकटमोचक के रूप में भी उन्हें देखा जाता था। नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में उनका नाम आता था, लेकिन सपा में अखिलेश यादव के बढ़ते दखल के बाद अमर सिंह किनारे होते चले गए। एक समय ऐसा भी आया जब वे अपने प्रिय मित्र अमिताभ बच्चन और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को भी निशाने पर ले रहे थे। यूपी की राजनीति का यह अध्याय काफी रोचक है। आप जो तस्वीर देख रहे हैं, उसमें अमर सिंह, अमिताभ बच्चन और सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत राय सहारा दिख रहे हैं। इन तीनों के बीच जो कॉमन है, वह अमर सिंह हैं। दिल्ली में मशहूर होटल व्यवसायी ललित सूरी के अंतिम संस्कार की इस तस्वीर में तीनों के बीच की बॉन्डिंग को आप सहज महसूस कर सकते हैं। आइए इनकी कहानी को जानते हैं।

कौन थे ललित सूरी?
ललित सूरी देश के बड़े होटल व्यवसायी थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1947 को रावलपिंडी में हुआ था। विभाजन के बाद वे भारत आ गए। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग करने वाले ललित सूरी ने हॉस्पिटैलिटी कारोबार में कदम रखा। उन्होंने भारत होटल्स की वर्ष 1987 में शुरुआत की। इसके चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बने। भारत होटल्स ने अपने होटल कारोबार को ‘द ग्रांड’ के साथ आगे बढ़ाया। नई दिल्ली, श्रीनगर, गोवा, मुंबई, बेंगलुरु, उदयपुर और खजुराहो जैसे नौ स्थानों पर होटल खोले। वर्ष 2005 में ग्रुप ने कोलकाता के द ग्रेट इस्टर्न होटल को टेकओवर किया। इसके अलावा वे मीडिया हाउस का भी संचालन करते थे।

होटल व्यवसायी ललित सूरी के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे अमर सिंह, अमिताभ बच्चन और सुब्रत राय सहारा

होटल कारोबार में कदम रखने और सफलता के बाद ललित सूरी ने अपने छवि को बड़ा बनाना शुरू किया। राजनीति के जरिए वे अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास करने लगे। इसी क्रम में उनकी मुलाकात अमर सिंह से भी हुई। ललित सूरी वर्ष 2003 में उत्तर प्रदेश से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा सदस्य चुने गए। उन्हें कई पॉर्लियामेंट्री कमेटी का सदस्य बनाया गया। ललित सूरी को राजीव गांधी एक्सिलेंस अवार्ड, उद्योग रतन अवार्ड, सबसे अधिक टैक्स अदा करने के लिए राष्ट्रीय सम्मान, वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट ग्लोबल अवार्ड और नेशनल टूरिज्म अवार्ड सम्मानित किया गया था। अमर सिंह और ललित सूरी इसी दौरान करीब आते गए। 10 अक्टूबर 2006 को जब ललित सूरी का निधन हुआ, तो तमाम लोग उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे थे।

अमर- अमिताभ की दोस्ती का अलग किस्सा
अमर सिंह और अमिताभ बच्चन की दोस्ती की अपनी अलग कहानी है। अमर सिंह यूपी की राजनीति में उद्योग जगत से होते हुए पहुंचे थे। उनके औद्योगिक घरानों के साथ ताल्लुकात पहले से थे। वे राजनीतिक रूप से खुद को ताकतवर बनाना चाहते थे। वहीं, समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पार्टी को प्रदेश में मजबूत बनाने की कोशिशों में जुटे हुए थे। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्मे अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव का साथ यहीं से शुरू हुआ। दोनों नेता जुड़ते चले गए। हालांकि, इससे पहले 1990 के दशक में अमिताभ बच्चन की स्थिति दयनीय हो गई थी। सुपरस्टारडम के कारण उन्होंने अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड (ABCL) खोल ली। लगातार फ्लॉप होती फिल्मों के कारण उनकी कंपनी दिवालिया हो गई। कोई भी अमिताभ बच्चन की मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था। चाहे वह बॉलीवुड हो या फिर उद्योग जगत।

अमिताभ की गंभीर वित्तीय परिस्थितियों के बीच अमर सिंह देवदूत बनकर आए। उन्होंने अमिताभ को इस गंभीर परिस्थिति से निकलने में काफी मदद की। अमिताभ कांग्रेस के जरिए राजनीति में हाथ आजमा चुके थ। लेकिन, राजनीति उन्हें रास नहीं आई। वे दिवालिया हो चुके थे। इस परिस्थिति में अमिताभ को लेकर अमर सिंह सुब्रत राय सहारा के पास पहुंचे। उन्होंने अमिताभ की मदद की। यहीं से तीनों की जुगलबंदी शुरू हुई। अमर सिंह की राजनीतिक हैसियत का फायदा अमिताभ और सहारा परिवार को मिला।

आपने जो तस्वीर देखी है, वह 12 अक्टूबर 2006 की है। 10 अक्टूबर 2006 को लंदन में ललित सूरी के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया। इस दिन उनका अंतिम संस्कार था। इसमें अमर सिंह, अमिताभ बच्चन और सुब्रत राय सहारा समेत फिल्म, राजनीति और उद्योग जगत के कई दिग्गज पहुंचे थे।

सुब्रत राय सहारा की भतीजी की शादी में पहुंचे थे अमिताभ, जया बच्चन और सौरभ गांगुली

हर बड़े आयोजन में दिखे थे साथ
अमर सिंह, अमिताभ बच्चन और सुब्रत राय सहारा को कई मौकों पर साथ-साथ देखा गया। नवंबर 2010 में सुब्रत राय सहारा की भतीजी शिवांका की शादी थी। सुब्रत राय ने लखनऊ में इसको लेकर ग्रैंड आयोजन किया था। कार्यक्रम में उद्योग से लेकर फिल्म जगत के लोग जुटे थे। 23 नवंबर 2010 के इस आयोजन में मशहूर क्रिकेटर सौरभ गांगुली भी पहुंचे थे। कैमरे की नजर में सौरभ गांगुली, अमिताभ बच्चन, सुब्रत राय सहारा और जया बच्चन आए थे। कहा जाता है कि इस आयोजन में सुब्रत राय सहारा ने पानी पैसे की तरह बहाया था।

क्यों हुआ अमिताभ- अमर का अलगाव
अमर सिंह और अमिताभ बच्चन की दोस्ती को लेकर लोग तरह-तरह की बातें करते थे। लेकिन, दोनों ने दोस्ती खूब निभाई। लेकिन, वर्ष 2010 में इसमें दरार आ गई। दरअसल, अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव के बीच अदावत बढ़ी। अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से अलग होना पड़ा। इस समय अमर सिंह चाहते थे कि जया बच्चन को भी समाजवादी पार्टी से अलग होना चाहिए। जया बच्चन अमर सिंह के साथ नहीं गई। इसके बाद 2012 के एक कार्यक्रम के दौरान अमर और अमिताभ के बीच जया बच्चन की किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद अमर सिंह ने कई हमले बोले। हालांकि, अमिताभ बच्चन ने उसका कभी जवाब नहीं दिया। मृत्यु से पहले अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन से अपने बुरे बर्ताव के लिए वीडियो संदेश जारी कर माफी भी मांगी थी।