Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

UP की जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, हाथरस में हिंसा की साजिश का आरोप

लखनऊ: हाथरस मामले में हिंसा की साजिश के आरोप में उत्तर प्रदेश की जेल में बंद सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। UAPA के तहत पिछले 2 साल से जेल की सजा काट रहे केरल के पत्रकार कप्पन को शुक्रवार को राहत मिल गई। योगी सरकार ने कप्पन की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए देश विरोधी एजेंडे में शामिल होने का आरोप लगाया था।

यूपी सरकार लगातार सिद्दीकी कप्पन की ज़मानत अर्जी का विरोध करती रही है। हाल ही में सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल करके कहा कि कप्पन के राष्ट्रविरोधी एजेंडा रखने वाले PFI जैसे चरमपंथी संगठन से गहरे संबंध रहे है। वो दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर देश में आंतक, धार्मिक कलह भड़काने की साजिश में शामिल था।

यूपी सरकार का कहना है कि कप्पन को ऐसे आरोपी के साथ गिरफ्तार किया गया जो पहले भी दंगो में शामिल रहा है। कप्पन हाथरस में एक पत्रकार के तौर पर रिपोर्ट करने के लिए नहीं जा रहा था, बल्कि वो PFI डेलिगेशन का हिस्सा था, जिसका मकसद हाथरस पीड़ित के परिजन से मिलकर साम्प्रदायिक दंगे भड़काना था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले महीने कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनके खिलाफ हाथरस मामले में गैर कानूनी गतिविधियां (निषेध) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीएफआई से कथित संबंध रखने वाले चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

PFI पर हैं गंभीर आरोप
पीएफआई पर पहले भी देशभर में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के लिए वित्तपोषण करने का आरोप लगा था। पुलिस ने पहले दावा किया था कि आरोपी हाथरस में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे।