Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

BAU में फादर ऑफ़ जेनेटिक्स ग्रेगोर मेंडल की 200वीं जयंती: फसल उत्पादकों के रोजगार पर चर्चा

Ranchi:  बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में सोमवार को फादर ऑफ़ जेनेटिक्स ग्रेगोर जोहान मेंडल की 200 वीं जयंती के अवसर पर विशेष अतिथि व्याख्यान आयोजित की गई. इंडियन सोसाइटी ऑफ़ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग रांची चैप्टर द्वारा आयोजित इस व्याख्यान का विषय ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : पौध प्रजनन के माध्यम से उद्यमिता’ था. मुख्य वक्ता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग विभाग के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख डॉ जय प्रकाश लाल थे.

छात्रों को विपुल ज्ञान की जरूरत- डॉ. लाल

डॉ जय प्रकाश लाल ने कहा कि 21वीं सदी में छात्रों को सीखने और कमाने के लिए विपुल ज्ञान की जरूरत है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 का उद्देश्य समावेशी, न्यायसंगत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के लिए युवाओं के योगदान को बढ़ावा देना है. यह भागीदारीपूर्ण, समग्र और समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है. जो क्षेत्र के अनुभवों, तथ्यात्मक शोध, हितधारकों से फीडबैक और सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखे गए सबक का परिणाम है. यह निवर्तमान छात्रों को रोजगार के लिए संस्थागत फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज के उपयोग के लिए प्रेरित करता है.

इसे भी पढ़ें–खूंटी : एनएचएआई की कार्यप्रणाली से गांव बना टापू, कैद हुए ग्रामीण

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

“फसल उत्पादकों के रोजगार में प्लांट ब्रीडर की अहम भूमिका”

डॉ जय प्रकाश लाल ने कहा कि फसल उत्पादकों के रोजगार अवसर को आसान बनाने में प्लांट ब्रीडर की अहम भूमिका है. प्लांट ब्रीडर पौधों की संरचना को संशोधित एवं कीट और बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधी किस्में विकसित करते हैं. उपभोक्ता की मांग और अन्य वांछनीय परिवर्तनों को पूरा करने के लिए गुणवत्तायुक्त उपज में सुधार लाते हैं. एक प्लांट ब्रीडर को उत्पादकों की पसंद, उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं और पर्यावरणीय प्रभाव को समझने की जरूरत है. प्लांट ब्रीडर के लिए कृषि निर्यात और वर्त्तमान परिदृश्य के साथ मिलकर काम करने के काफी अवसर हैं. सरकारी संस्थानों के साथ निजी संस्थानों के सहयोग से निर्यात मानकों को पूरा तथा फसल किस्मों का विकास किया जा सकता है. कृषि विज्ञान के क्षेत्र में जेनेटिक्स और डीएनए संवर्द्धन की प्रगति से कृषि उत्पादन, गुणवत्ता, रोग प्रतिरोध और पर्यावरण संतुलन की स्थिति विकसित होगी. प्लांट ब्रीडिंग में उद्यमिता के विकास से फसल उत्पादन, फसल गुणवत्ता और कृषि में स्थिरता को नई ऊँचाई तक पहुंच सकेगी.

इसे भी पढ़ें–रांची : 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने का संकल्प, मरीजों के लिए कम्युनिटी सपोर्ट की अपील

ये रहे मौजूद

मौके पर पूर्व अध्यक्ष (जीपीबी) डॉ जेडए हैदर ने ग्रेगोर जोहान मेंडल (1822-1884) की जीवनी एवं योगदान को बताया. वहीं डॉ सोहन राम ने विशेष व्याख्यान के विषय को ग्रेगोर जोहान मेंडल की 200 वीं जयंती पर बेहद प्रासंगिक बताया. मौके पर डॉ नीरज कुमार, डॉ मणिगोपा चक्रवर्ती, डॉ कृष्णा प्रसाद, डॉ सीएस महतो, डॉ अखलाक अहमद, डॉ सूर्य कुमार, डॉ एसके तिर्की सहित विभाग के सभी पीजी एवं पीएचडी छात्र-छात्राएँ भी मौजूद थे.

आप डेली हंट ऐप के जरिए भी हमारी खबरें पढ़ सकते हैं। इसके लिए डेलीहंट एप पर जाएं और lagatar.in को फॉलो करें। डेलीहंट ऐप पे हमें फॉलो करने के लिए क्लिक करें।