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E ditorial:निर्यात में भारत का ऊचाईयां छूना तरक्की की पहचान

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17-9-2022

निर्यात में 20 फीसदी वृद्धि, इन सेक्टर्स में भारत ने किया कमालइस समय पूरी दुनिया में वैश्विक आर्थिक मंदी को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। विश्व में आर्थिक मंदी को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। स्वयं को महाशक्ति मानने वाले देशों की भी मंदी के कारण हालत पस्त होने लगी है। इन सबके बीच भारत ही एकमात्र देश है जो आर्थिक मंदी के साए के बीच भी काफी मजबूती से खड़ा है। पिछले कई दिनों से लगातार आप यह सुनते और पढ़ते आ रहे होंगे कि भारत पर मंदी का असर नहीं पड़ने वाला। इसे सही साबित करती हुई कुछ रिपोर्ट्स हमारे सामने लगातार आ रही है जिससे स्पष्ट हो रहा है कि कैसे जब दुनिया के तमाम देशों में स्थिति बुरी है उस दौरान भी भारतीय अर्थव्यवस्था शानदार प्रदर्शन कर रही है।

 इस बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली एक और रिपोर्ट सामने आयी है। दरअसल, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर अभियानों के माध्यम से भारत स्वयं को तो हर क्षेत्र में सक्षम बना ही रहा है, साथ ही वर्तमान समय में भारत एक निर्यातक देश बनकर भी उभर रहा है। कई क्षेत्रों में भारत का निर्यात तेजी से बढ़ता हुआ दिखा है, इसको लेकर हाल ही में कुछ आंकड़े भी सामने आए। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अगस्त 2022 में कुल निर्यात (व्यापार और सेवाओं) पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 19.7 प्रतिशत बढ़ा है।

आंकड़ों के अनुसार गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न और आभूषण निर्यात अप्रैल-अगस्त 2022 में पिछले वर्ष की तुलना में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 135.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा है। वहीं इस दौरान भारत का व्यापारिक निर्यात 1.6 प्रतिशत बढ़कर 33.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया। पिछले वर्ष की तुलना में तंबाकू (76.4%), तेल भोजन (73.7%), इलेक्ट्रॉनिक सामान (50.8%) और चावल (43.6%) के निर्यात में उच्च वृद्धि दर्ज की गयी। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में आयात 45.74 प्रतिशत बढ़कर 318 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।

आंकड़ों के अनुसार केवल अगस्त 2022 में ही भारत का कुल निर्यात (वस्तुओं और सेवाओं का संयुक्त) 57.47 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.75 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है। वहीं यदि बात अगर आयात की करें तो अगस्त 2022 में भारत का कुल आयात 75.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 33.15 फीसदी की वृद्धि को दिखाता है।

निर्यात में बढ़ोत्तरी के ये आंकड़े देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत देते हैं क्योंकि भारत ने हाल ही में टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, गेहूं पर पहले ही प्रतिबंध लगा हुआ है। वहीं रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में असामान्य हालत पैदा हुए। इन कारणों से यह संभावनाएं जतायी जा रही थी कि इन सबसे भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा और इसमें गिरावट आएगी, जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। परंतु तमाम आशंकाओं के बीच भारत के निर्यात में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।

भारत के लिए यह आंकड़े संतोषजनक इसलिए भी हैं क्योंकि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व पर काफी बुरा प्रभाव डाला है। यह महामारी न केवल बड़ी संख्या में लोगों को मौत के मुंह में ले गयी बल्कि इसके साथ ही कोरोना के कारण सभी देशों की अर्थव्यवस्था भी चरमरा गयी। तमाम देश इससे संभलने के प्रयासों में जुटे ही थे कि इस बीच रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया, जिससे दुनिया की समस्याएं और बढ़ाकर रख दी। वैश्विक मंदी का एक बड़ा कारण रूस यूक्रेन युद्ध ही माना जा रहा है। क्योंकि इससे सप्लाई चेन प्रभावित हुई, महंगाई बेकाबू होने लगी, जिसका असर बड़े स्तर पर पड़ता हुआ दिखा।

इन सब हालातों का सामना करते हुए भी भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा समय में काफी अच्छी स्थिति में है। वर्तमान समय में भारतीय इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से दौड़ रही है। कुछ दिनों पूर्व ही जारी हुए आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 13.5 फीसदी की गति से बढ़ी है। वहीं हाल ही में भारत, ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्सवस्था वाला देश भी बना। यह सबकुछ दर्शाता है कि कैसे मुश्किल परिस्थितियों का सामना करके भी भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में काफी मजबूत बनी हुई है, जो देश के लिए अच्छी खबर है।