Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

कमलनाथ सुबह से विधायकों से मिले, कैबिनेट बैठक की तैयारी की, डीजीपी को बुलाकर एमएलए की सुरक्षा पर चर्चा की

सीएम हाउस में 2 दिन से कुर्सी बचाने के लिए दांव-पेंच की रणनीति बनाई जा रही है। मंगलवार को दिनभर हलचल के बाद बुधवार सुबह से भी यहां सुरक्षा पहरा सख्त है। मुख्यमंत्री कमलनाथ बागी विधायकों को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। यह जिम्मेदारी उन्होंने अब दिग्विजय सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। सीएम ने सुबह से कुछ विधायकों से मुलाकात की। उनके कैबिनेट की बैठक के बारे में सुझाव लिए। इसके बाद सुबह 10 बजे डीजीपी विवेक जौहरी को तलब किया। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने डीजीपी से विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बातचीत की। आधे घंटे बाद डीजीपी बाहर निकले।

भाजपा नेता सीहोर में रणनीति बना रहे
वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की अगली रणनीति सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद तय की जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा सीहोर के लिए रवाना हो गए हैं। यहां भाजपा के सभी विधायक एक रिसॉर्ट में ठहरे हैं। भोपाल में शिवराज ने भाजपा आईटी से कहा है कि सिंधिया समर्थकों विधायकों की बात को पुरजोर तरीके से उठाएं। भाजपा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी। कांग्रेस भ्रम पैदा कर रही है। इसका विरोध करें।

भाजपा ने दिग्विजय के बेंगलुरु जाने पर सवाल किए
दिग्विजय के बेंगलुरु में कांग्रेस के बागी विधायकों से संपर्क करने को लेकर भाजपा का कहना है कि इस्तीफे दे चुके विधायकों के वोट की क्या जरूरत है? दिग्विजय प्रदेश के कितने विधायकों से मिलने गए हैं?  जब कांग्रेस व्हिप जारी कर चुकी है तो कैसे कह रहे हैं मतदान के लिए कहने गए हैं?

विधानसभा के प्रमुख सचिव ने कहा- शॉर्ट नोटिस में 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं
विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा है कि सूचना मिलने के बाद बहुत शॉर्ट नोटिस या 24 घंटे के अंदर भी फ्लोर टेस्ट कराया जा सकता है। सरकार के फ्लोर टेस्ट को लेकर चल रही उठापटक के बीच सिंह का ये बयान महत्वपूर्ण है। सिंह ने कहा फ्लोर टेस्ट का कोई प्रस्ताव अभी नहीं आया है, फिलहाल सदन की कार्यवाही स्थगित है। फ्लोर टेस्ट के लिए 2 तरीके की स्थिति रहती है। सत्ता पक्ष सदन में विश्वास मत साबित करना चाहता है तो वह विश्वास का प्रस्ताव लाता है। अगर विपक्ष सत्ता के प्रति अविश्वास व्यक्त करता है तो वह अविश्वास प्रस्ताव लाता है। किसी भी पक्ष की तरफ से सूचना आती है तो उस पर विचार किया जाता है। पहले स्पीकर, कार्य मंत्रणा समिति विचार करती है, फिर समय तय होता। फ्लोर टेस्ट की सूचना आने पर सभी सदस्यों को सूचना दी जाती है। अल्प सूचना में सेशन बुलाया जा सकता है और 24 घंटे का समय भी लग सकता है, 48 घंटे का भी समय लगता है। सिंह ने कहा- स्थिति के हिसाब से समय तय होता है। सिंह ने कहा- सदन को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना भी नहीं मिली है। विपक्ष ने एक एफिडेविट राजपाल को दिया था उसकी एक कॉपी अध्यक्ष के पास आएगी। यह प्रारंभिक सूचना जैसी स्थिति है जब सूचना मिलेगी तो नियम प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी। फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। जब प्रस्ताव आएगा तभी फ्लोर टेस्ट होगा। विधानसभा कोई प्रस्ताव नहीं बनाती है, दोनों पक्ष या सदस्य प्रस्ताव लेकर आ सकते हैं। कोर्ट विधानसभा से कोई राय नहीं लेता है। विधानसभा की कार्रवाई अपने नियमों के हिसाब से स्वतंत्र रहती है। कोर्ट की कार्रवाई कोर्ट के हिसाब से स्वतंत्र रहती है। शासन के जो निर्देश मिलेंगे उसके हिसाब से आगे कार्रवाई होती है।