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Shardiya Navratri 2022: बाजार में इस बार हंसती हुईं देवी मां की मूर्तियां, घरों में बरसाएंगी खुशियां

शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं। आगरा में तैयार की जा रहीं मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार जुटे हैं। बाजार में इस बार हंसती हुई देवी मां की मूर्ति भी है। ये मूर्तियां घर, मंदिर और पंडालों में विराजमान की जाती हैं। शहर में कई जगह मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। एक फीट से लेकर 15 से 20 फीट तक की मूर्तियां बन रही हैं। मूर्ति बनाना तीन से चार महीने पहले ही शुरू कर दिया गया था, अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सेवला क्षेत्र में रहने वाले मूर्तिकार लोकेश ने बताया कि मां दुर्गा की विभिन्न तरह की मूर्तियां उनके पास उपलब्ध हैं। शेर पर सवार, अष्टभुजाओं, कमल पर बैठी आदि आकारों की प्रतिमाएं उन्होंने बनाई हैं। इस बार उन्होंने पहली बार हंसती हुई देवी मां की मूर्ति बनाई है, जो ग्राहकों को खूब पसंद आ रही है। मूर्तिकार का कहना है कि मूर्ति की लंबाई के हिसाब से उनकी कीमत तय की गई है।

बाजार में 150 से 50 हजार तक मूर्तियां

बाजार में 150 से लेकर 50 हजार तक की मूर्ति उपलब्ध है। सुल्तानगंज की पुलिया पर मूर्ति बेचने वाले कन्हैया कुमार ने बताया कि अब सब लोग ईको फ्रेंडली मूर्ति लेना पसंद करते हैं। इसलिए सारी मूर्ति ऐसी बनाई गई हैं, जिनका गमलों में भी विसर्जन किया जा सके। कई मूर्तियों में नींबू, आम, जामुन आदि फलों के बीज भी डाले गए हैं।

बारिश की वजह से हो गया नुकसान

मूर्तिकारों का कहना है कि बारिश की वजह से उनका काफी नुकसान हो गया। इसके अलावा मूर्ति बनाने का समय भी अब नहीं रहा है। नामनेर पर मूर्ति की दुकान लगाने वाले प्रमोद गोला ने बताया कि बारिश की वजह कई मूर्तियां टूट गईं। जिन्हें अब कोई नहीं खरीदेगा। उन्हें बनाने में पैसा और समय दोनों ही खर्च हुआ। मूर्तियां खुले में तैयार की जाती हैं। बारिश होने पर उन्हें ढक दिया जाता है। लगातार बारिश की वजह से सारे इंतजाम फेल हो गए।

शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं। आगरा में तैयार की जा रहीं मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार जुटे हैं। बाजार में इस बार हंसती हुई देवी मां की मूर्ति भी है। ये मूर्तियां घर, मंदिर और पंडालों में विराजमान की जाती हैं। शहर में कई जगह मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। एक फीट से लेकर 15 से 20 फीट तक की मूर्तियां बन रही हैं। मूर्ति बनाना तीन से चार महीने पहले ही शुरू कर दिया गया था, अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सेवला क्षेत्र में रहने वाले मूर्तिकार लोकेश ने बताया कि मां दुर्गा की विभिन्न तरह की मूर्तियां उनके पास उपलब्ध हैं। शेर पर सवार, अष्टभुजाओं, कमल पर बैठी आदि आकारों की प्रतिमाएं उन्होंने बनाई हैं। इस बार उन्होंने पहली बार हंसती हुई देवी मां की मूर्ति बनाई है, जो ग्राहकों को खूब पसंद आ रही है। मूर्तिकार का कहना है कि मूर्ति की लंबाई के हिसाब से उनकी कीमत तय की गई है।

बाजार में 150 से 50 हजार तक मूर्तियां

बाजार में 150 से लेकर 50 हजार तक की मूर्ति उपलब्ध है। सुल्तानगंज की पुलिया पर मूर्ति बेचने वाले कन्हैया कुमार ने बताया कि अब सब लोग ईको फ्रेंडली मूर्ति लेना पसंद करते हैं। इसलिए सारी मूर्ति ऐसी बनाई गई हैं, जिनका गमलों में भी विसर्जन किया जा सके। कई मूर्तियों में नींबू, आम, जामुन आदि फलों के बीज भी डाले गए हैं।

बारिश की वजह से हो गया नुकसान

मूर्तिकारों का कहना है कि बारिश की वजह से उनका काफी नुकसान हो गया। इसके अलावा मूर्ति बनाने का समय भी अब नहीं रहा है। नामनेर पर मूर्ति की दुकान लगाने वाले प्रमोद गोला ने बताया कि बारिश की वजह कई मूर्तियां टूट गईं। जिन्हें अब कोई नहीं खरीदेगा। उन्हें बनाने में पैसा और समय दोनों ही खर्च हुआ। मूर्तियां खुले में तैयार की जाती हैं। बारिश होने पर उन्हें ढक दिया जाता है। लगातार बारिश की वजह से सारे इंतजाम फेल हो गए।