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विश्व रेबीज दिवस: कुत्ते-बंदर ही नहीं बिल्ली भी काटती है, आ रहे इतने मरीज, एंटी रेबीज वैक्सीन पड़ रही कम

आगरा जिले में कुत्ते, बंदर और बिल्ली काटने के इतने अधिक मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं, सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) कम पड़ रही हैं। जनवरी 2022 से 24 सितंबर तक 27,813 लोगों को एआरवी लगाई गईं। 6954 वॉयल की खपत हुई है। 50 फीसदी से अधिक वॉयल सामाजिक संस्था से लेने पड़े। सत्यमेव जयते ट्रस्ट ने विभिन्न चरणों में 3500 वॉयल जिला अस्पताल को दी हैं।

जिला अस्पताल में जनवरी से सितंबर तक किसी माह में कुत्ते, बंदर और बिल्ली काटे मरीज 2000 से कम नहीं पहुंचे। इस माह में 24 तारीख तक 2026 मरीजों को एआरवी लगी है। सर्वाधिक संख्या मार्च में 3791 रही। जनवरी में 3063, फरवरी में 3629, अप्रैल में 3385, मई में 3340, जून में 3424, जुलाई में 2555, अगस्त में 2627 को एआरवी लगाई गई। वहीं, 27,813 में से 23,776 को कुत्ता काटने, 3688 को बंदर काटने पर और 337 को बिल्ली काटने पर और 39 को अन्य जानवरों काटने पर एआरवी लगाया गया।

एडवांस मंगाई जा रही वैक्सीन

जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके अग्रवाल ने बताया कि एआरवी शासन से अब एडवांस में मंगाई जा रही है। अभी करीब 1900 वॉयल उपलब्ध हैं। इससे अक्तूबर तक काम चल सकेगा। खत्म होने से पहले मंगा ली जाएगी। एआरवी उपलब्ध कराने में संस्था की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।

बाहर 350 से 450 रुपये में

एआरवी बाहर से लगवाना महंगा पड़ता है। 350 से 450 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। गरीब परिवारों के लोगों के लिए इतने खर्च करने में परेशानी होती है। एआरवी खत्म होने पर मरीजों को लौटना पड़ता है। कई बार मरीज हंगामा भी करते हैं।

आगरा जिले में कुत्ते, बंदर और बिल्ली काटने के इतने अधिक मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं, सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) कम पड़ रही हैं। जनवरी 2022 से 24 सितंबर तक 27,813 लोगों को एआरवी लगाई गईं। 6954 वॉयल की खपत हुई है। 50 फीसदी से अधिक वॉयल सामाजिक संस्था से लेने पड़े। सत्यमेव जयते ट्रस्ट ने विभिन्न चरणों में 3500 वॉयल जिला अस्पताल को दी हैं।

जिला अस्पताल में जनवरी से सितंबर तक किसी माह में कुत्ते, बंदर और बिल्ली काटे मरीज 2000 से कम नहीं पहुंचे। इस माह में 24 तारीख तक 2026 मरीजों को एआरवी लगी है। सर्वाधिक संख्या मार्च में 3791 रही। जनवरी में 3063, फरवरी में 3629, अप्रैल में 3385, मई में 3340, जून में 3424, जुलाई में 2555, अगस्त में 2627 को एआरवी लगाई गई। वहीं, 27,813 में से 23,776 को कुत्ता काटने, 3688 को बंदर काटने पर और 337 को बिल्ली काटने पर और 39 को अन्य जानवरों काटने पर एआरवी लगाया गया।

एडवांस मंगाई जा रही वैक्सीन

जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके अग्रवाल ने बताया कि एआरवी शासन से अब एडवांस में मंगाई जा रही है। अभी करीब 1900 वॉयल उपलब्ध हैं। इससे अक्तूबर तक काम चल सकेगा। खत्म होने से पहले मंगा ली जाएगी। एआरवी उपलब्ध कराने में संस्था की ओर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।

बाहर 350 से 450 रुपये में

एआरवी बाहर से लगवाना महंगा पड़ता है। 350 से 450 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। गरीब परिवारों के लोगों के लिए इतने खर्च करने में परेशानी होती है। एआरवी खत्म होने पर मरीजों को लौटना पड़ता है। कई बार मरीज हंगामा भी करते हैं।